जयपुर, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 260 स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में समाहित करने के आदेश दिए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बाेला है। उन्हाेंने कहा कि कालीबाई भील की धरती राजस्थान में भाजपा महिला शिक्षा का गला घोंट रही है।
गहलाेत ने एक्स पर लिखा कि अच्छी नामांकन संख्या वाले स्कूलों को बन्द करना भाजपा की महिला शिक्षा पर सर्जिकल स्ट्राइक है। इनका छिपा हुआ एजेंडा सामने आ रहा है, ये नहीं चाहते कि लड़कियां पढ़ें-लिखें और आगे बढ़ें।
हमारी सरकार ने बालिकाओं के ड्रॉप आउट रेट को कम से कम करने के लिए कम नामांकन होने पर भी स्कूलों को चालू रखा जिससे एक भी बच्ची को पढ़ाई ना छोड़नी पड़े। हमने नीति बनाई कि जिन स्कूलों में 11वीं तथा 12वीं कक्षा में बालिकाओं का नामांकन 500 से अधिक होगा वहां कॉलेज खोल दिया जाएगा। हमारा प्रयास था कि बालिकाओं को पढ़ाई के अधिक से अधिक मौके दिए जाएं।
भाजपा की अदूरदर्शी नीतियां राजस्थान को पीछे की ओर ले जा रही हैं। इसका खामियाजा उन बच्चियों को भुगतना पड़ रहा है जिनके शिक्षा के केन्द्रों पर ताला लगाया जा रहा है।
प्रदेश में स्कूलों को मर्ज करने के सरकारी फैसले की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी निंदा की है। डोटासरा ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार एवं विस्तार करने की जगह स्कूल बंद करने का काम कर रही है।
शिक्षा प्रणाली में सुधार, नवाचार एवं विस्तार करने की जगह भाजपा सरकार हमेशा स्कूलें बंद करने का काम करती हैं।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में एक भी बालिका विद्यालय को बंद नहीं किया जबकि भाजपा सरकार एक साल में 450 स्कूलों को बंद कर चुकी है।
डोटासरा ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी से प्रदेश की जनता में भय का वातावरण और अपराधियों का तांडव जारी है। जयपुर में उप मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में महिला की दिनदहाड़े हत्या और लूट की वारदात शर्मनाक एवं कमजोर कानून व्यवस्था का प्रमाण है।
शिक्षा का अधिकार, सभी का हक!
भाजपा सरकार की शिक्षा नीति को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। वे हमेशा स्कूलें बंद करने का काम करती हैं, जो कि शिक्षा प्रणाली में सुधार, नवाचार एवं विस्तार करने की जगह है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में एक भी बालिका विद्यालय को बंद नहीं किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को सबसे नुकसान होगा। स्कूलों को बंद करना निंदनीय है। सरकार को चाहिए कि वह स्कूलों को बंद करने की जगह इनमें सुधार और विस्तार पर ध्यान दें।
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(Udaipur Kiran) / रोहित