झज्जर, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि सूर्य नमस्कार का अभ्यास ऋषि संस्कृति और स्वास्थ्य का संगम है इसलिए हर किसी को नित्य प्रति सूर्य नमस्कार करना चाहिए। इसी को देखते हुए राज्य सरकार की योजना के तहत जिलाभर में सूर्य नमस्कार का अभ्यास शिक्षा संस्थाओं और अन्य प्रतिष्ठानों में करवाया जा रहा है जिलाभर में 12 जनवरी से महर्षि स्वामी विवेकानंद जयंती पर शुरू हुआ यह अभियान 12 फरवरी को महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती तक पूरे जोश व उत्साह के साथ जिले में चलाया जाएगा।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार और जिला योग संयोजक डॉ. पवन ने बताया कि अभियान के तहत शनिवार को भी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार का अभ्यास आयुष योग सहायकों द्वारा कराया गया। इसी कड़ी में 23 जनवरी को विद्या भारती विद्यालय बेरी के प्रांगण में सूर्य नमस्कार अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन बलदेव योग विशेषज्ञ बलदेव की अध्यक्षता में किया जाएगा। इस अभियान के दौरान प्रत्येक कार्यक्रम में आयुष योग सहायकों द्वारा भारतीय कृषि संस्कृति, ऋषि संस्कृति, स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, पंडित राम प्रसाद, लाला लाजपत राय, लाला हरदयाल, स्वामी श्रद्धानंद, रानी लक्ष्मीबाई व महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन के विषय में जानकारी दी जाएगी। जिससे हम अपने ऋषियों व स्वतंत्रता सेनानियों के उच्च विचारों को संजोकर आने वाली पीढ़ियों में स्थापित कर सकें। उन्होंने बताया कि सूर्य नमस्कार द्वारा कुल 12 आसनों का अभ्यास श्वास को नियंत्रित करते हुए किया जाता है जिससे हमारे मस्तिष्क, हृदय व संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों को बल मिलता है और हमारे बुद्धि की कार्य प्रणाली में सुधार होता है।
उन्होंने बताया कि सूर्य नमस्कार में प्रणाम आसन, हस्त उतान आसन, पाद हस्त आसन, अश्व संचालन, पर्वत आसन, अष्टांग नमस्कार भुजंगासन, पर्वत आसन, अश्व संचालन, पाद हस्त आसन, हस्त उत्तानआसन और प्रणाम आसन शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज