कोटा, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (रास) की कोटा में हुई समीक्षा बैठक में विभिन्न जिलों से आये मसाला प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में राजस्थान में मसाला पैदावार का उत्पादन एवं बिक्री बढाने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
संस्था के अध्यक्ष श्याम जाजू एवं सचिव महावीर गुप्ता ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन भेजकर मांग की कि किसान कल्याण टैक्स को प्रदेश में पूरी तरह समाप्त किया जाये एवं मंडी टैक्स की दरें 1.5 व 2 प्रतिशत से घटाकर पडौसी राज्यों के समान 0.50 प्रतिशत की जाये। जिससे प्रदेश के किसानों के हित में जीरा, धनिया, सौंफ, मैथी, सरसों जैसे प्रमुख मसाला उत्पादों का व्यापार फिर से तेज हो सके। प्रदेश में ड्राई पोर्ट व कंटेनर सीलिंग सुविधा बहुत कम है, इसका विस्तार किया जाये।
प्रदेश में प्रोसेसिंग इकाइयां बढाई जायें-
रास, कोटा इकाई के हेमंत जैन ने कहा कि किसान कल्याण टैक्स प्रदेश के व्यापारियों पर अव्यवहारिक आर्थिक बोझ है, जो अन्य राज्यों के मुकाबले कमजोर बनाता हैं। दूसरा, गुजरात और मध्यप्रदेश में ऐसी कोई फसल नहीं है जिससे वहां की प्रोेसेसिंग इकाइयों कोे सीधा लाभ होता है। ऐसे में राजस्थान में उत्पादित माल प्रोसेसिंग के लिये वहां जा रहा है। जाजू ने बताया कि व्यापारियों द्वारा पिछले दो वर्षों से लगातार मंडी टैक्स को एक समान करने की मांग करने के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा इस टैक्स को तीन-तीन माह आगे बढ़ाने के लिये अधिसूूचना जारी की जा रही है। इसका हल नहीं होने से प्रदेश में मसाला व्यापार लगातार पिछड़ रहा है। राजस्थान में पर्याप्त प्रोसेसिंग इकाइयां नहीं होने से किसान को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। जिससे किसान अपनी मसाला पैदावार को बेचने के लिये गुजरात व मध्यप्रदेश जाने पर मजूबर है। मसाला उद्योग से प्रदेश में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। राज्य सरकार अपनी कर नीति में सुधार कर इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार की संभावायें बढा सकती है।
राजस्थान राइजिंग का एमओयू लागू करें
रास जोधपुर के निदेशक प्रमोद भंडारी ने कहा कि प्रदेश में किसान कल्याण टैक्स को पूरी तरह समाप्त किया जाए। मंडी टैक्स को गुजरात के समान 0.50 प्रतिशत किया जाए। कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार को टैक्स छूट, सब्सिडी, भूमि आवंटन जैसी योजनाओं पर तेजी से लागू करना होगा। ‘राइिजंग राजस्थान‘‘ के तहत किए गए एमओयू को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। मसाला उद्योग में कार्यरत लोगों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम लागू किए जाएं। प्रोेसेसिंग इकाइयों और व्यापार के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे सड़क, बिजली, पानी, भंडारण को सुनिश्चित किया जाए।
रास जयपुर इकाई के निदेशक हर्ष गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने किसान कल्याण टैक्स को समाप्त करने और मंडी टैक्स को एक समान करने के लिये इस बजट में कोई निर्णय नहीं लिया तो राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस को ‘राइजिंग राजस्थान‘ के तहत किए गए एमओयू और अपनी भविष्य की निवेश योजनाओं पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।
हाडौती में धनिये की पैदावार 50 प्रतिशत घटी-
रामगंजमंडी के धनिया व्यवसायी मुकेश जैन एवं सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि कृषि उपज मंडी में धनिये की सालाना आवक 15 लाख बोरी से घटकर 8 लाख बोरी रह गई है। प्रदेश में मंडी टैक्स ज्यादा होने से किसान धनिये की पैदावार कम कर रहे हैं। जबकि हाडौती के धनिये में अरोमा, तेल व खुशबू के कारण इसकी क्वालिटी देश-विदेश में नंबर-1 मानी जाती है। रावतभाटा क्षेत्र का धनिया कई देशों में एक्सपोर्ट हो रहा है। इसकी पैदावार कम होने से राज्य सरकार को राजस्व हानि हो रही है। इस बजट में मंडी टैक्स को अन्य राज्यों के समान किया जाये।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द