Haryana

सोनीपत:तीर्थंकर का जन्म माता के लिए सबसे बड़ा सौभाग्य: सौरभ सागर

17 Snp-6  सोनीपत:तीर्थंकर पर कलशों से जन्माभिषेक     करते श्रद्धालु। जन्म कल्याणक महोत्सव पर प्रवचन करते श्री 108 सौरभ सागर जी

-20 रथ, दो ऐरावत हाथियों पर 100

धर्म इंद्र, कुबेर इंद्र सवार

-नई अनाज मंडी में पंचकल्याणक महोत्सव

का तीसरे दिन निकाली शोभायात्रा

सोनीपत, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) ।

नई अनाज

मंडी में श्री 108 सौरभ सागर जी महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव का तीसरा

दिन जन्म कल्याणक महोत्सव के रूप में उत्साहपूर्वक मनाया गया। आचार्य श्री 108 सौरभ

सागर जी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि तीर्थंकर का जन्म किसी माता के लिए सबसे बड़ा

सौभाग्य होता है।

महोत्सव

की शुरुआत माता की गोद भराई और तीर्थंकर बालक के जन्म की विभिन्न गतिविधियों के मंचन

से हुई। प्रथम कलश का सौभाग्य सुरेंद्र जैन खेत वाले परिवार को प्राप्त हुआ। तीर्थंकर

जन्म से पहले रत्नों की वर्षा का मंचन किया गया, जिसमें भगवान के जन्म पर कुबेर इंद्र

ने पंडाल में रत्न बरसाए। इसके पश्चात नगर में शोभायात्रा निकाली गई, जो जैन मंदिर

से शुरू होकर रेलवे रोड, नगरपालिका रोड, बादशाही रोड, देवीलाल चौक होते हुए वापस नई

अनाज मंडी स्थित पांडु शीला पहुंचकर संपन्न हुई।

शोभायात्रा

में: 20 रथों पर इंद्र-इंद्राणी विराजमान थे। 2 ऐरावत हाथियों पर 100 धर्म इंद्र और

कुबेर इंद्र सवार थे। महोत्सव के दौरान तीर्थंकर पर कलशों से जन्माभिषेक किया गया।

श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भगवान का नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महोत्सव

में श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह और आस्था के साथ भाग लिया।

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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना

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