
जींद, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । जींद जिले के राजस्व विभाग के 12 पटवारी राडार पर हैं। जांच में सामने आया है कि राजस्व विभाग के पटवारी नरेश चहल, पटवारी अतेंद्र, पटवारी विकास, नरवाना के पटवारी नसीब, सुरेश, खरल के पटवारी नरेश कुमार, सफीदों के पटवारी सज्जन, दिनेश कुमार, अशोक कुमार, पिल्लूखेड़ा के पटवारी कुलदीप मोर, संदीप गौतम, जुलाना के अशीष कुमार हैं। जिनमें किसी पटवारी ने एक तो किसी ने दो निजी सहायक रखे हुए थे।
निजी सहायकों की कार्यशैली को भी अच्छे तरीके से परखा तथा देखा गया था। कामकाज के सिलसिले में आने वाले लोगों से बातचीत के बाद निजी सहायकों की कार्यशैली का आंकलन हुआ था। जिसमें भ्रष्टाचार, खुल कर सामने आए थे। जिसके आधार रिपोर्ट तैयार की गई थी। शुक्रवार को जिला राजस्व अधिकारी राजकुमार ने बताया कि जिले के 12 पटवारियों की रिपोर्ट मुख्यालय से मिली है। जिनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जल्द जांच कर सरकार को भेज दी जाएगी। गौरतलब है कि पटवारखाना, तहसील को भ्रष्टाचार का अड्डा माना जाता है। जब खूफिया तौर पर जांच की गई तो जिले के 12 पटवारियों की कार्यशैली संदेहजन पाई गई। जिसकी विस्तृत रिपोर्ट बना कर सरकार को भेजी गई थी। सरकार के रडार पर आए इन पटवारियों पर आरोप है कि जमीन के खाते तकसीम करने, पैमायश, इंतकाल, रिकार्ड दुरूस्त करने, नक्शा बनवाने के नाम पर खूब भ्रष्टाचार होता है। जिन्होंने बकायदा अपने निजी सहायक रखे हुए हैं। जो दलाली का कार्य करते हंै। कामकाज के सिलसिले में आने वाले लोगों की दस्तावेजों पर ऐतराज लगाकर उन्हें परेशान किया जाता है। भ्रष्ट पटवारियों की कार्यशैली से सरकार की छवि भी खराब हो रही है। सरकार के रडार पर आए जिले के दर्जनभर भ्रष्ट पटवारियों पर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
