RAJASTHAN

स्वरोजगार से स्वावलंबन माटी कला बोर्ड का ध्येय : प्रहलाद राय टाक

स्वरोजगार से स्वावलंबन माटी कला बोर्ड का ध्येय : प्रहलाद राय टाक

जयपुर, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । पारंपरिक दस्तकारों को आधुनिक तकनीक युक्त आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनके उत्थान के लिए विभिन्न तरह की योजनाओं को क्रियान्वित करना ही श्रीयादे माटी कला बोर्ड का एकमात्र उद्देश्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के माटी कामगारों के स्वरोजगार से स्वावलंबन के मिशन को पूरा करने में माटी कला बोर्ड युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। यही वजह है कि राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2024-25 में 1000 मिट्टी गूंथने की मशीनों व विधुत चालित चाक के वितरण का कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है। यह बात श्रीयादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने शुक्रवार को उद्योग भवन के सभागार में 16 जिलों के मिट्टी गूंथने की मशीनों व विधुत चालित चाक आवंटन के लिए लॉटरी के जरिए आवंटन के पश्चात कही।

प्रहलाद राय टाक ने कहा कि बजट घोषणा के प्रथम चरण में कुल 25 जिलों के 500 चयनित मिट्टी कामगारों को मिट्टी गूंथने की मशीनों व विद्युत चालित चाक का वितरण किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले से 20 लोगों का चयन किया गया है। इनमें से 9 जिलों की लॉटरी निकाली जा चुकी है। शेष 16 जिलों की लॉटरी शुक्रवार को निकाली गई है। अब चयनित मिट्टी कामगारों को जिला स्तर पर 10 दिन का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्य 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षर्णियों को राज्य स्तरीय समारोह में मिट्टी गूंथने की मशीनों व विद्युत चालित चाक का वितरण किया जाएगा।

माटी शिल्पकारों को प्रदान करेंगे अंतरराष्ट्रीय मंच

श्रीयादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में मिट्टी कामगारों को स्वावलंबी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश में माटी शिल्पकारों को पारंपरिक कला को प्रश्रय देने के साथ ही व्यापारिक दृष्टिकोण से कौशल विकास तथा गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों पर श्री यादे माटी कला बोर्ड महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी के तहत बोर्ड जल्द ही माटी शिल्पकारों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। इसके तहत जिला व राज्य स्तर पर माटी शिल्पकारों के हुनर को पहचानने के लिए प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। इनमें चयनित जिला व राज्य स्तरीय प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। यही, नहीं श्रेष्ठ प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने के लिए भी बोर्ड द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran)

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