Sports

राजकोट से केन्या होते हुए खो-खो विश्व कप तक दिलचस्प रही है डॉ. हिरेन पाठक की यात्रा

डॉ. हिरेन पाठक

नई दिल्ली, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में चल रहे उद्घाटन खो-खो विश्व कप में केन्या का प्रतिनिधित्व कर रहे डॉ. हिरेन पाठक की यात्रा प्रेरणादायक और दिलचस्प है। राजकोट से शुरू हुआ यह सफर उन्हें केन्या ले गया और अब विश्व कप के लिए राजधानी दिल्ली पहुंचा है।

डॉ. हिरेन, जो एक चिकित्सक होने के साथ-साथ खेल प्रेमी भी हैं, ने अपनी यात्रा के बारे में कहा, “हम भारतीय खेल खेलते हुए बड़े हुए हैं और खो-खो उनमें से एक है।” करीब दो दशक पहले डॉ. हिरेन अपने परिवार के साथ केन्या चले गए, जब उनके पिता को वहां रोजगार मिला।

केन्या में भारतीय खेलों के प्रचार-प्रसार में हिंदू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, “मैं 20 साल पहले खो-खो से जुड़ा था। एचएसएस ने भारतीय खेलों के लिए अभ्यास के क्षेत्र और सहायता प्रदान की। हम कबड्डी और अन्य पारंपरिक खेल भी खेलते हैं। हालांकि शुरुआत में औपचारिक टूर्नामेंट नहीं होते थे, लेकिन हमने खो-खो को जिंदा रखा।”

केन्या में खो-खो को औपचारिक रूप से 2020 में संरचित ढांचा मिला। वहां की काउंटियों की प्रणाली ने होनहार खिलाड़ियों की पहचान और टीम चयन को आसान बनाया। डॉ. हिरेन बताते हैं, “काउंटियों से खिलाड़ियों की पहचान कर टीम बनाई गई। छोटे क्लब उभर रहे हैं, जो खेल को बढ़ावा देंगे।”

उद्घाटन विश्व कप में शामिल होने पर डॉ. हिरेन ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) और अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आईकेकेएफ) के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “यह पहला खो-खो विश्व कप है, और हम इसका हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं। यह अनुभव अद्भुत है।”

यह विश्व कप खेल के प्रति समर्पण का जश्न मनाने का एक अद्वितीय अवसर बन गया है, जहां विभिन्न देशों के खिलाड़ी अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।

(Udaipur Kiran) दुबे

Most Popular

To Top