भोपाल, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । शहडोल में गुरुवार को आयोजित प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने राज्य में खनन और खनिज क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ लिविंग में राज्य देश में प्रथम है। मध्य प्रदेश खनिज संपदा के मामले में देश अग्रणी राज्य है। यह खनन एवं खनिज आधारित उद्योगों के लिए अत्यधिक संभावनाएं प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में विविधतापूर्ण खनिज पूरे राज्य में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
प्रमुख सचिव उमराव ने कहा कि शहडोल संभाग में खनिज की अधिक उपलब्धता के कारण इसे माइनिंग संभाग कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शहडोल संभाग में कोल बेड मीथेन की प्रचुर उपलब्धता है। राज्य में देश के कुल भंडार का 36 प्रतिशत कोल बेड मीथेन के भंडार है। कोल बेड मीथेन के उत्पादन में राज्य का देश में दूसरा स्थान है। राज्य सरकार ने खनिज उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं। इनमें प्लांट और मशीनरी में निवेश पर 40% तक की पूंजी सब्सिडी और 100 करोड़ रुपये से अधिक की मेगा परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन शामिल हैं। राज्य में प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक के कुशल टेक्निकल एड मैनेजमेंट स्नातक निकलते हैं। उन्होंने बताया कि देश के टॉप शिक्षा संस्थान मध्य प्रदेश में है। विद्युत ऊर्जा में राज्य 25 हजार मेगावाट से अधिक ऊर्जा के साथ सरप्लस राज्य है। उद्योगों के लिए पानी और श्रम शक्ति की प्रचुरता है।
मध्य प्रदेश देश का उभरता आईटी हब: वशिष्ठ
मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष वशिष्ठ ने डेस्टिनेशन मध्य प्रदेश: द होम टू इमर्जिंग टेक हब्स इन इंडिया पर राज्य में आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम सेक्टर क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश को देश का आईटी हब बनाने के लिए राज्य में जीवंत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र, उद्यमशीलता संस्कृति, सरकारी की नीतियां, तकनीकी रूप से कुशल कार्यबल, व्यवसाय में न्यूनतम जोखिम, बुनियादी ढांचा, बेहतर कनेक्टिविटी, ईज ऑफ लिविंग और कार्य जीवन संतुलन बेहतर हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में आईटी क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है, जिसमें 15 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। निवेश प्रस्ताव में जैसे एलटी माइंड ट्री, कॉग्निजेंट और हेक्सावेयर जैसी बड़ी कंपनिया शामिल हैं।
एमडी वशिष्ठ ने बताया कि नवीन एवीजीसी-एक्सआर (ऐनिमेशन, वीजुअल इफेक्ट्स, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियालिटी) नीति, जीसीसी नीति के ड्राफ्ट तैयार किया गया है, जो लागू करने के अंतिम चरण में है। उन्होंने राज्य के उन्नत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 2 हजार से अधिक आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें एमपीएसईडीसी में पंजीकृत 650 इकाइयां हैं, जिन्हें राज्य की नीतियों का लाभ मिला है। इन इकाइयों का टर्न ओवर 10 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष से अधिक है। देश की 50 से अधिक बड़ी आईटी एवं आईटीईएस इकाइयां मध्य प्रदेश में स्थापित हैं। प्रदेश से हर वर्ष 500 मिलियन डॉलर का निर्यात आईटी से जुड़ी कंपनियों के माध्यम से होता है। राज्य में 5 आईटी स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं। राज्य सरकार द्वारा 15 आईटी पार्क बनाए गए हैं, जिनसे डेढ़ लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
वशिष्ठ ने कहा कि राज्य की आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 में निवेशको के लिए फिस्कल इंसेन्टिव, नॉन फिस्कल इंसेन्टिव, डेवलपर इंसेन्टिव, रेंटल इंसेन्टिव और भूमि संबंधी लाभ शामिल हैं। आईटी क्षेत्र में 200 करोड़ रुपये से अधिक है, ईएसडीएम 300 करोड रुपये से अधिक, डाटा सेंटर स्थापित करने में 500 करोड रूपये के अधिक का निवेश होने पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई जो अतिरिक्त लाभ दिलाने के संबध में निर्णय लेती है। वित्तीय प्रोत्साहन के साथ निवेशकों को कई गैर वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए जा रहें है।
पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं: बिदिशा मुखर्जी
मप्र पर्यटन बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने की उद्योगपतियों के पास अपार संभावनाएं हैं। मध्य प्रदेश में कई वॉटर फॉल है। नर्मदा केन-बेतवा, चंबल सहित अन्य महत्वपूर्ण नदियां है। इसके साथ ही 24 सैंक्च्युअरी, 12 नेशनल पार्क, 9 टाइगर रिजर्व है, 14 यूनेस्को की साइट और 2 ज्योतिर्लिंग है। आवागमन के लिए मध्य प्रदेश में 7 एयरपोर्ट है। उद्योगपतियों को टूरिज्म पॉलिसी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उद्योगपति होटल, होम-स्टे, म्यूजियम, क्रूज सहित अन्य क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं। मध्यप्रदेश में 1 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन उपलब्ध है। मध्य प्रदेश के साथ ही शहडोल जिले में भी पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने अपार संभावनाएं। उन्होंने शहडोल जिले में पर्यटन बोर्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत कराया।
(Udaipur Kiran) तोमर