जम्मू, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी, इसरो) और सीयूजे के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के सतीश धवन अंतरिक्ष विज्ञान केन्द्र से वीरवार को ग्यारहवें रेडियोसॉन्ड का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। कुलपति प्रो. संजीव जैन के मार्गदर्शन में किया गया यह प्रक्षेपण वायुमंडलीय और अंतरिक्ष अनुसंधान को आगे बढ़ाने में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। सतीश धवन अंतरिक्ष विज्ञान केन्द्र के संयोजक प्रो. विनय कुमार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. राकेश कुमार झा ने इस उपलब्धि को हासिल करने में संकाय सदस्यों, तकनीकी कर्मचारियों, छात्रों और विद्वानों की एक समर्पित टीम का नेतृत्व किया।
पिशारोटीसॉन्ड (रेडियोसॉन्ड) से सुसज्जित वेदर बैलून को तापमान, सापेक्ष आर्द्रता, दबाव, हवा की गति, दिशा, ऊंचाई और स्थान जैसे वायुमंडलीय मापदंडों को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है। डेटा को उन्नत सेंसर और जीपीएस रिसीवर मॉड्यूल का उपयोग करके एकत्र किया जाता है जिसे इसरो द्वारा विकसित भारतीय रेडियोसॉन्ड सॉफ्टवेयर (इंड्रोस) द्वारा समर्थित किया जाता है। रेडियोसॉन्ड ग्राउंड स्टेशन मेक इन इंडिया पहल के तहत मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) में विकसित एक स्वदेशी नवाचार है। इस परियोजना का नेतृत्व डॉ. कमलजीत सिंह और नेमी चंद ने किया।
यह पहल जलवायु और पर्यावरण अध्ययन के लिए राष्ट्रीय सूचना प्रणाली (एनआईसीईएस) और आरएएनएन (एनआईसीईएस के लिए रेडियोसॉन्ड नेटवर्क) परियोजना के तहत मौसम संबंधी और वायुमंडलीय अध्ययनों में योगदान देती है। इस सहयोग में हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष विभाग (इसरो) के एनआरएससी के वायुमंडलीय विज्ञान प्रभाग के वैज्ञानिक डॉ. हरीफ बाबा शाएब के की विशेषज्ञता शामिल है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा