जोधपुर, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक 18-19 जनवरी को जोधपुर में आयोजित होगी। इस बैठक में संगठनात्मक, शैक्षणिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक विषयों पर गहन चर्चा होगी तथा आगामी कार्यक्रमों की दिशा तय की जाएगी। देशभर से आए प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे और विभिन्न अभियानों की समीक्षा के साथ भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेन्द्र सोलंकी ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बैठक में देशभर से आने वाले प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे अभियानों और गतिविधियों की समीक्षा प्रस्तुत करेंगे, जिससे संगठन के कार्यों में समन्वय स्थापित होगा। बैठक में सत्र 2024-25 के कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी और सत्र 2025-26 के लिए नई योजनाओं पर चर्चा होगी। परिसर चलो अभियान”, भारतीय संविधान निर्माण के 75 वर्ष, स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती, रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर भावी योजना बनाई जाएगी।
डॉ. सोलंकी ने बताया कि बैठक में आगामी दिनों में द्वारका में आयोजित होने वाली ‘विचार बैठक’ के विषयों पर भी मंथन किया जाएगा। इसमें छात्र आंदोलन की दिशा और युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा होगी। कार्यकर्ताओं की क्षमता विकास के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे संगठन की कार्यप्रणाली को सशक्त बनाया जा सके। तकनीकी जागरूकता, डिजिटलिकरण, स्वरोजगार और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम प्राथमिकता में रहेंगे।
भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के समावेश को समय की आवश्यकता बताते हुए डॉ. सोलंकी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे, ताकि शिक्षा प्रणाली राष्ट्र की प्रकृति और संस्कृति के अनुरूप विकसित हो सके।
बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सी. आर. विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे और अपने विचारों से कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे। उनके मार्गदर्शन से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा। अभाविप की यह बैठक विद्यार्थियों को नेतृत्व के लिए तैयार करने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। यह बैठक शिक्षा, संस्कृति, समाज और संगठन के समग्र विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
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(Udaipur Kiran)