Chhattisgarh

पालक-शिक्षक संवाद बैठक में कलेक्टर ने कहा समय का मूल्य समझना जरूरी

स्कूल में आयोजित पालक-शिक्षक संवाद में उपस्थित स्कूली छात्र व पालकगण।

धमतरी, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) ।शासन के आदेशानुसार एवं कलेक्टर नम्रता गांधी के मार्गदर्शन में तृतीय पालक-शिक्षक संवाद बैठक का आयोजन जिले अंतर्गत समस्त प्राथमिक/माध्यमिक, हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 16 जनवरी को आयोजित किया गया। जिले में 168 शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पालक-शिक्षक संवाद बैठक के सुचारू रूप से संचालन के लिए जिला/ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को नोडल बनाया गया। सभी नोडल अधिकारियों ने अपने चिन्हांकित विद्यालयों में पहुंच कर पालक-शिक्षक संवाद बैठक में विद्यार्थियों एवं पालकों एवं शिक्षकों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा परिणाम पर चर्चा किया गया। सभी पालकों को अपने पाल्यों के परीक्षा परिणाम से अवगत कराते हुए अपने पाल्यों के पढ़ाई गतिविधियों को अवलोकन करते हुए आवश्यक सुधार करने के लिए प्रेरित किया गया। पालकों एवं विद्यार्थियों को विगत पांच वर्षों के प्रश्नपत्र के साथ जिले के मिशन अव्वल टीम द्वारा तैयार किये गए प्रश्न पत्रों का सेट से अवगत कराते हुए विशेष अध्ययन-अध्यापन कराने के लिए प्रेरित किया गया।

आगामी दिनों में होने वाले दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के दौरान जिले में विद्यार्थियों में होने वाले तनाव को दूर करने के उद्देश्य से आयोजित पालक-शिक्षक संवाद बैठक शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सोरम में कलेक्टर नम्रता गांधी पहुंचकर विद्यार्थियों और पालकों से भेंट करते हुए कहा कि आगामी दिनों में 10वीं, 12 वीं की बोर्ड परीक्षा होनी है, पालक विद्यार्थियों पर अनावश्यक दबाव न डालें, बच्चों की अन्य छुपी हुई प्रतिभा को पहचाने और एसे उसी दिशा में आगे आने में सहयोग करें। बच्चों पर नकारात्मक बातों को हावी न होने दें। ये दौर बच्चों के लिए काफी नाजुक दौर होता है, पालकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को इस दौर से उबारें और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद करें। वहीं उन्होंने बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की समस्या आने पर अपने पालकों, शिक्षकों या किसी नजदीकी से जरूर साझा करें। नशापान और बुरी आदतों से दूरी बनाएं। उन्होंने कहा कि समय बहुमूल्य है, स्कूली जीवन में आप जो चाहोगे कर सकते हैं, जो लक्ष्य रखोगे प्राप्त कर सकते हैं। जिन्होंने समय का उपयोग कर लिया वो जिंदगी में मजे में रहते हैं, और जो समय मूल्य नहीं समझा वे पीछे रह जाते हैं।

कलेक्टर नम्रता गांधी ने विद्यार्थियों को समझाईश दी कि अधिक अंक प्राप्त करना अंतिम हल नहीं हैं। उन्होंनें ऐसे महापुरूषों और उच्च अधिकारियों का उदाहरण दिया, कि जो स्कूली जीवन में तो कमजोर थे, लेकिन आगे चलकर उच्च पदों पर आसीन रहें। जिले के अन्य स्कूलों में चिन्हांकित अधिकारी पालक-शिक्षक संवाद बैठक सम्मिलित होते हुए बच्चों एवं पालकों से आह्वान किया कि बच्चों से अच्छे अंक अथवा पास होने के लिए दबाव ना दें। उन्हें मित्रवत व्यवहार करते हुए अन्य ऐसे विशय जिनमें बच्चे की रूचि हो, उस ओर ध्यान लगाएं। जिले में प्राथमिक शाला 877, माध्यमिक शाला 444, हाईस्कूल 57, हायर सेकेण्डरी 111, कुल 1489 शालाएं संचालित है। पालक-शिक्षक संवाद बैठक में 23 हजार 169 पालक सम्मिलित हुए।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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