-शीतल पहली भारतीय महिला, जिसने माउंट चो ओयू फतह किया है
देहरादून, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । साहसिक खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवार्ड प्राप्त कर चुकी शीतल ने राष्ट्रीय खेलों के 38वें संस्करण पर उत्साह व्यक्त किया है। शीतल का मानना है कि उत्तराखंड में खेल विकास का यह आयोजन नए अवसर और संभावनाएं लेकर आएगा।
शीतल, जिन्होंने 8188 मीटर ऊंचाई वाले माउंट चो ओयू को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया है, का कहना है कि पहाड़ के खिलाड़ियों में हौसला, जज्बा और क्षमता भरपूर है। पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की निवासी शीतल ने 2018 में माउंट एवरेस्ट फतह कर अपने साहस और प्रतिभा को साबित किया था।
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन पर उनका मानना है कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों के खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिलेगा। अभी तक हमारे खिलाड़ी खेलने के लिए दूसरी जगह जाते थे। अब उन्हें अपने घर में ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शीतल ने कहा कि पहाड़ के खिलाड़ियों ने संसाधनों के अभाव में भी अपनी प्रतिभा को साबित किया है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से सुविधाओं का जिस हिसाब से विस्तार हो रहा है, वह संभावनाएं जगाता है।
राफ्टिंग को शामिल करने से उम्मीद
-राष्ट्रीय खेलों के 38 वें संस्करण में राफ्टिंग को शामिल किया गया है। हालांकि यह डेमो गेम है और इसे मेडल गेम में शामिल नहीं किया गया है। टनकपुर में राफ्टिंग गेम प्रस्तावित हैं। राफ्टिंग को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किए जाने से शीतल उत्साहित हैं। शीतल का कहना है कि भले ही राफ्टिंग डेमो गेम है, लेकिन इससे साहसिक खेलों को लेकर संभावनाएं जगी हैं। शीतल का अपना खेल पर्वतारोहण राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा नहीं है। हालांकि ओलंपिक व एशियाई खेलों में पर्वतारोहण के कुछ प्रारूपों की स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार