Jammu & Kashmir

पीएचडी विद्वानों के लिए पेपर लेखन और पेपर प्रस्तुति विषय पर एक समृद्ध व्याख्यान-सह-संवाद सत्र का आयोजन किया

जम्मू 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग ने गुरूवार को पीएचडी विद्वानों के लिए पेपर लेखन और पेपर प्रस्तुति विषय पर एक समृद्ध व्याख्यान-सह-संवाद सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर प्रो. सरबजीत सिंह तूर की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम की शुरुआत जम्मू विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख प्रो. सुनीता शर्मा के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण से हुई। प्रो. शर्मा ने प्रो. सरबजीत सिंह तूर, सम्मानित संकाय सदस्यों और उपस्थित विद्वानों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सत्र के महत्व पर जोर दिया, विषय का परिचय दिया और शैक्षणिक और व्यावसायिक क्षमताओं को बढ़ाने में इसकी प्रासंगिकता बताई। अपने मुख्य भाषण में प्रो. सरबजीत सिंह तूर ने सामाजिक विज्ञान अकादमिक पेपर लेखन और प्रभावी प्रस्तुति पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने प्रभावशाली लेख तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण विचारों पर प्रकाश डाला जैसे शोध कार्य की संरचना, स्पष्ट उद्देश्य तैयार करना और विद्वानों के मानकों का पालन करना। प्रो. तूर ने सेमिनार और सम्मेलनों में शोधपत्र प्रस्तुत करने के बारे में व्यावहारिक सुझाव भी दिए जिसमें श्रोताओं की सहभागिता, विचारों की स्पष्टता और प्रभावी संचार पर ध्यान केंद्रित किया गया।

यह सत्र एक संवादात्मक मंच साबित हुआ जहाँ विद्वानों और संकाय सदस्यों ने विचारों का आदान.प्रदान किया और अकादमिक प्रकाशन और प्रस्तुति में चुनौतियों पर काबू पाने के लिए मार्गदर्शन मांगा। प्रो. तूर की विशेषज्ञता और आकर्षक प्रस्तुति ने उपस्थित लोगों पर एक स्थायी छाप छोड़ी जिससे उन्हें अपने शोध आउटपुट को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

जसबीर सिंह, प्रो. फलेंदर सूदन, प्रो. प्रकाश चंद अंताल, प्रो. वीरेंद्र कौंडल, प्रो. मनोज भट्ट, डॉ. शालू सहगल, डॉ. नीलम चौधरी, डॉ. त्सेरिंग यांगज़ोम, डॉ. तरसेम सिंह, डॉ. रिनी महारजन और डॉ. अपूर्वा जामवाल सहित प्रमुख संकाय सदस्य मौजूद थे जिन्होंने जीवंत शैक्षणिक माहौल में योगदान दिया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. अपूर्व जामवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ जिन्होंने प्रोफेसर तूर को उनके ज्ञानवर्धक व्याख्यान, संकाय को उनकी सक्रिय भागीदारी और विद्वानों को उनके उत्साह के लिए आभार व्यक्त किया।

यह व्याख्यान.सह.संवाद सत्र विभाग के विद्वानों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और शोध की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसने युवा शोधकर्ताओं को अपने कौशल को निखारने और आत्मविश्वास और क्षमता के साथ अकादमिक समुदाय में योगदान देने के लिए खुद को तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

Most Popular

To Top