शिमला, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सरसंघचालक मोहन भागवत पर दिए गए बयान को निंदनीय और अक्षम्य करार दिया है। डॉ. बिंदल ने गुरूवार को कहा कि राहुल गांधी के बयान से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें न तो संघ की कार्यप्रणाली का ज्ञान है और न ही उसके योगदान का।
नेहरू-गांधी परिवार ने हमेशा संघ का अपमान किया
डॉ. बिंदल ने कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है, जो दशकों से राष्ट्र उत्थान के कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि 1947 में विभाजन के समय संघ ने हजारों हिंदुओं के जान-माल की रक्षा की और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इसके बावजूद पंडित नेहरू ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया और संघ के हजारों स्वयंसेवकों को जेल में डाल दिया।
उन्होंने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए देश में आपातकाल लागू किया और एक लाख स्वयंसेवकों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा। उस समय के सरसंघचालक बालासाहेब देवरस को 19 महीने जेल में रहना पड़ा। इसके बाद 1992-93 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान भी संघ पर प्रतिबंध लगाया गया।
संघ को राहुल गांधी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं
डॉ. बिंदल ने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जो निस्वार्थ भाव से आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी, अनुसूचित जाति, और समाज के हर वर्ग में शिक्षा और सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि संघ को राहुल गांधी के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। मेरी राहुल गांधी को सलाह है कि वे पहले संघ को समझें व उनके कार्यों का अध्ययन करें और फिर इस तरह के बयान दें। ऐसा करना उनके लिए भी अच्छा रहेगा।
राहुल गांधी के बयान पर माफी की मांग
डॉ. बिंदल ने कहा कि राहुल गांधी का बयान न केवल संघ के लिए अपमानजनक है, बल्कि देश की संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के प्रति संघ के योगदान को भी नजरअंदाज करता है। उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी को अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
संघ के राष्ट्र निर्माण के कार्य
डॉ. बिंदल ने कहा कि आरएसएस देश के सबसे बड़े स्वैच्छिक संगठनों में से एक है जो हर परिस्थिति में राष्ट्र सेवा में लगा रहता है। उन्होंने कहा कि संघ के आदर्शों और कार्यप्रणाली को समझे बिना उस पर सवाल उठाना नेहरू-गांधी परिवार की पुरानी आदत है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा