बीजिंग, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को चीन की चार दिवसीय राजकीय यात्रा में बड़ी कामयाबी मिली है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद श्रीलंका और चीन ने द्वपक्षीय समझातों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के अनुसार श्रीलंका चीन की 3.7 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता से हंबनटोटा क्षेत्र में 200,000 बैरल की क्षमता वाली तेल रिफाइनरी का निर्माण करेगा। दिसानायके की यात्रा का आज तीसरा दिन है।
श्रीलंका के समाचार पत्र डेली मिरर और डेली न्यूज की खबर के अनुसार, चीन और श्रीलंका के ऊर्जा मंत्रालय व सिनोपेक ने इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस रिफाइनरी के उत्पादन का बड़ा हिस्सा निर्यात किया जाएगा। इससे श्रीलंका की विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी। साथ ही इसके निर्माण से हंबनटोटा क्षेत्र में कम आय वाले समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। श्रीलंका के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा।
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को अपने श्रीलंकाई समकक्ष से मुलाकात के बाद कहा कि चीन श्रीलंका की आर्थिक मोर्चे पर मदद करेगा। दोनों देशों को संयुक्त रूप से उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट और रोड सहयोग के साथ-साथ आधुनिक कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को रणनीतिक दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों पर गहरी पकड़ रखनी चाहिए और संयुक्त रूप से साझा भविष्य वाले चीन-श्रीलंका समुदाय का निर्माण करना चाहिए। शी ने कहा चीन अपनी पड़ोसी कूटनीति में श्रीलंका को प्राथमिकता के रूप में लेता है। चीन श्रीलंका की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि चीन हमेशा से श्रीलंका का विश्वसनीय मित्र और भागीदार है। दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका बेल्ट एंड रोड सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद