विश्वविद्यालय में ‘विकसित भारत-2047 के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में परिवर्तन:
हितधारक सम्मेलन’ का आयोजन 7 को
हिसार, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) की ओर से भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए-हरियाणा)
के सहयोग से ‘विकसित भारत-2047 के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में परिवर्तन: हितधारक
सम्मेलन’ का आयोजन 7 फरवरी को
विश्वविद्यालय परिसर में किया जाएगा। यह सम्मेलन स्वास्थ्य प्रबंधन में नवाचार, डिजिटल
परिवर्तन और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होगा। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य
सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना और ‘विकसित भारत-2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने
के लिए एक मजबूत मंच तैयार करना है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार को कहा कि स्वास्थ्य
क्षेत्र में नवाचार और प्रबंधन में सुधार वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। यह शिखर
सम्मेलन इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। गुजविप्रौवि को गर्व है कि वह एक
ऐसा मंच प्रदान कर रहा है, जहां स्वास्थ्य प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श
होगा। हमारा उद्देश्य इस सम्मेलन के माध्यम से ‘विकसित भारत-2047’ के लिए ठोस नीतियों
और प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने बताया कि हमें गर्व महसूस हो
रहा है कि भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए, हरियाणा) जो एक प्रसिद्ध संस्था है, भी इस शिखर
सम्मेलन का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि एचएसबी हमेशा से ही शैक्षिक और उद्योग जगत
के बीच तालमेल बढ़ाने में अग्रणी रहा है। यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र
में एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगा। इस सम्मेलन में प्रस्तुत विचार और समाधान स्वास्थ्य
सेवाओं को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
एचएसबी के डीन प्रो. कर्मपाल नरवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक, मानव संसाधन प्रबंधन और सार्वजनिक
स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन ने कहा कि यह सम्मेलन उन सभी महत्वपूर्ण
विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा जो स्वास्थ्य प्रबंधन के भविष्य को आकार देंगे। आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन ने बताया कि यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य
प्रबंधन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
सम्मेलन के संयोजक डॉ. वंदना सिंह व डॉ. अंजलि गुप्ता ने स्वास्थ्य क्षेत्र
के सभी पेशेवरों, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों से इस सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी
की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य प्रबंधन में नई दिशाओं की
खोज और विचार-विमर्श का अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
इस सम्मेलन में देशभर के डॉक्टर, नर्स, प्रशासक, नीति निर्माता, शिक्षाविद,
शोधकर्ता, उद्योग प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन और स्वास्थ्य प्रबंधन के विद्यार्थी
शामिल होंगे। सम्मेलन में ‘स्वास्थ्य प्रबंधन के नवीन मॉडल’, ‘स्वास्थ्य नीति और
शासन’, ‘डिजिटल परिवर्तन’, ‘मानव संसाधन प्रबंधन’, ‘टिकाऊ स्वास्थ्य
अवसंरचना’ और ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ जैसे विषयों पर गहन
चर्चा होगी। कार्यक्रम में विशेषज्ञ सत्र, पैनल चर्चा और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
इन सत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ और उद्योग के अनुभवी व्यक्तित्व
अपने विचार साझा करेंगे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर