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आयोग ने प्रचार सामग्री में किया लेबल और डिस्क्लेमर अनिवार्य

64.64 crore voters cast their votes in Lok Sabha Elections 2024, setting a world record, Election Commission releases report

नई दिल्ली, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । चुनाव आयोग ने प्रचार अभियान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित सामग्री के उपयोग के बढ़ते चलन को देखते हुए अपनी नियमावली को अपडेट किया है। आयोग ने अब राजनीतिक दलों से एआई और बदलाव कर बनाए गए ऑडियो, वीडियो तथा इमेज के साथ लेबल लगाना और डिस्क्लेमर देना अनिवार्य कर दिया है।

चुनाव आयोग ने आज राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में कहा है कि जनमत को आकार देने में एआई जनित/सिंथेटिक सामग्री के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को सलाह देता है कि वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और अन्य मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से चुनाव प्रचार के लिए साझा की जा रही एआई-जनित/सिंथेटिक सामग्री को प्रमुखता से लेबल करने के लिए आवश्यक उपाय करें।

आयोग का कहना है कि एआई द्वारा निर्मित सामग्री की प्रमुख और आसानी से पहचाने जाने योग्य लेबलिंग जिम्मेदार और पारदर्शी अभियान और सूचित मतदाताओं को सुनिश्चित करेगी।

राजनीतिक दलों से कहा गया है कि एआई प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न या महत्वपूर्ण रूप से परिवर्तित किसी भी छवि, वीडियो, ऑडियो या अन्य सामग्री को “एआई-जनरेटेड” या “डिजिटल रूप से संवर्धित” या “सिंथेटिक सामग्री” जैसे संकेतन के साथ स्पष्ट रूप से लेबल करें। ऑनलाइन या अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर प्रसारित अभियान विज्ञापनों या प्रचार सामग्री में डिस्क्लेमर शामिल करें ।

पिछले साल मई में एआई के बढ़ते उपयोग के मद्देनजर चुनाव आयोग ने विस्तार से एआई से जुड़े दिशार्निदेश जारी किए थे। हालांकि इन चुनावों में एआई के बढ़ते उपयोग को देखते हुए आयोग ने इसमें अपडेट किया है।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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