अनूपपुर, 14 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिले में वर्तमान समय हाथियों और बाध के निरंतर विचरण से अनूपपुर एवं जैतहरी वन परिक्षेत्र के ग्रामीण निरंतर परेशान एवं दहशत में हैं। प्रभावित क्षेत्र के साथ अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में रतजगा कर निरंतर नजर रखें हुए हैं। वहीं प्रशासन एवं प्राकृतिक तौर पर विचरण कर रहे वन्यप्राणियों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर करने हेतु निगरानी दल के माध्यम से गस्ती करा कर ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की बात कर रहा हैं।
विगत माह जिले के पुष्पराजगढ़ एवं अमरकंटक वन परिक्षेत्र में एक मादा बाध ग्राम पंचायत लपटी के मेढाखार के बाद छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के विभिन्न अंचलों में विचरण करने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में विचरण कर रही थी जिसे छग वन वनविभाग द्वारा रेस्क्यू कर कॉलर आईडी लगाकर अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में स्वतंत्र विचरण हेतु छोड़ा दिया। जो वितरण करते हुए 8-10 दिन पूर्व अमरकंटक क्षेत्र के जलेश्वर एवं उमरगोहान के जंगलों में ठहरते हुए जैतहरी से अनूपपुर वन परीक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में निरंतर विचरण कर रही है। जो सोमवार- मंगलवार की रात ग्राम पंचायत ताराडांड के बैरहनीटोला,ताराडांड, लखनपुर,पचडीपानी में ग्रामीणों ने द्वारा देखा गया, वहीं ग्राम पंचायत लखनपुर के अगरियानार क्षेत्र में जंगल के बीच बसे ग्राम पचडीपानी के बैगा बहुल्य बस्ती में बाध ने फूल सिंह बैगा के एक माह के बछड़े को घसीट कर ले गई इस बीच ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर उसे छोड़ आगे चली गई।
दूसरी ओर 22 दिनों से हाथियों का आतंक बना हुआ हैं। वन परिक्षेत्र जैतहरी के ग्राम पंचायत गोबरी के जंगल में दिन में विश्राम करने के बाद देर रात होने पर गोबरी,पगना,बांका ठेंगश्रहा,गोसरी के भदराखार टोला,मोहल्ला में पहुंचकर ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखे तथा खेतों में लगे विभिन्न प्रजाति के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं। दोनों वन्यप्राणियों की निरंतर उपस्थित एवं विचरण के कारण क्षेत्र के साथ अनेको ग्रामों के ग्रामीण डरे एवं सहमे हुए हैं। वहीं जिला प्रशासन ने गश्ती दल का गठन कर ग्रामीण एवं ग्राम पंचायतो के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने के संबंध में मुनादी एवं अन्य माध्यमों से सजक कर रहा हैं। देर रात दोनों हाथियों ने गोबरी पंचायत के ठेंगरहा एवं भदराखार टोला,मोहल्ला में तीन ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ एवं 6 ग्रामीणों के खेतों में लगी सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए सुबह जंगल चले गयें।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला