नई दिल्ली, 14 जनवरी (Udaipur Kiran) । नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत दो प्रमुख घटकों को लागू करने के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी मॉडल और यूटिलिटी आधारित एकत्रीकरण मॉडल के लिए ‘भुगतान सुरक्षा तंत्र’ और ‘केंद्रीय वित्तीय सहायता’ घटक के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशा-निर्देश अधिसूचित किए गए हैं। इन घटकों में भुगतान सुरक्षा तंत्र, आरईएससीओ (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी) और उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता शामिल हैं।
मंत्रालय के मुताबिक यह योजना उपभोक्ताओं के लिए छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए दो वैकल्पिक कार्यान्वयन मॉडल दिए हैं। नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी मॉडल, जहां तीसरे पक्ष की संस्थाएं छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में निवेश करती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बिना किसी अग्रिम लागत दिए केवल उपभोग की गई बिजली के लिए भुगतान करना पड़ता है। दूसरा यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन मॉडल, जहां डिस्कॉम या राज्य द्वारा नामित संस्थाएं व्यक्तिगत आवासीय क्षेत्र के घर की छतों पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करेंगी।
इस योजना के तहत आवासीय क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी-आधारित ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सौर मॉडलों में निवेश को जोखिम मुक्त करने के लिए भुगतान सुरक्षा तंत्र के लिए 100 करोड़ रुपये की निधि तय की गई है, जिसे मंत्रालय की मंजूरी के बाद अन्य अनुदानों, निधियों और स्रोतों के माध्यम से पूरक किया जा सकता है। यह दिशा-निर्देश राष्ट्रीय पोर्टल https://www.pmsuryaghar.gov.in/ के जरिए उपभोक्ताओं द्वारा किए जाने वाले कार्यान्वयन के मौजूदा तरीके (कैपेक्स मोड) के अतिरिक्त हैं, और ये वैकल्पिक मॉडल योजना के राष्ट्रीय पोर्टल-आधारित कार्यान्वयन के पूरक होंगे।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर