कोलकाता, 14 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल सरकार की महत्वाकांक्षी कन्याश्री योजना का विस्तार करते हुए इस साल के अंत तक एक करोड़ लाभार्थियों को शामिल करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों को यह लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले इन जनकल्याण योजनाओं को अपने मजबूत हथियार के रूप में देख रही है।
वर्तमान में, यह योजना 89 लाख लड़कियों को लाभान्वित कर रही है, जिस पर राज्य सरकार ने अब तक 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस साल 11 लाख और लाभार्थियों को जोड़ने की योजना है। हाल ही में स्टूडेंट वीक के दौरान, ममता ने इस लक्ष्य पर जोर देते हुए अधिकारियों को तेजी से कार्य करने को कहा।
2026 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए ममता बनर्जी कन्याश्री, लक्खी भंडार और बांग्लार बाड़ी जैसी योजनाओं को अपने प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती हैं। उनकी इन योजनाओं ने हमेशा वोटरों को आकर्षित किया है और कई राज्यों ने इनसे प्रेरित होकर अपनी योजनाएं शुरू की हैं।
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कन्याश्री योजना के चरण
यह योजना तीन स्तरों पर लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है :
1. 13-18 वर्ष की अविवाहित छात्राओं को प्रति वर्ष हजार रुपये।
2. 18 वर्ष की आयु में उच्च माध्यमिक या कॉलेज में पढ़ने वाली अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता।
3. स्नातकोत्तर या व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने के लिए आर्थिक मदद।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस योजना को हर जिले में सुचारू रूप से लागू करने और अधिकतम लड़कियों तक पहुंच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
सरकार अन्य योजनाओं को भी तेज़ी से लागू कर रही है :
सबुज साथी : अब तक 1.27 करोड़ साइकिलें वितरित की गईं।
ऐक्यश्री : अल्पसंख्यक छात्रों को 4.15 करोड़ छात्रवृत्तियां दी गईं, जिस पर आठ हजार 936 करोड़ खर्च हुए।
शिक्षाश्री : अनुसूचित जाति के 1.39 करोड़ छात्रों को एक हजार 63 करोड़ का लाभ।
मेधाश्री : अन्य पिछड़ा वर्ग के 6.68 लाख छात्रों को 53.43 करोड़ की सहायता।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य सरकार की यह कोशिश हर छात्र तक शिक्षा और कल्याण पहुंचाने की है, जिससे ये योजनाएं 2026 चुनाव में अहम भूमिका निभा सकें।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर