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बिलासपुर : अरपा नदी में प्रदूषण रोकने लगी जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

high cort bilaspur

बिलासपुर, 14 जनवरी (Udaipur Kiran) । अरपा नदी में प्रदूषण रोकने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका याचिका पर हाई कोर्ट बिलासपुर मेंआज मंगलवार को सुनवाई हुई।मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच में सुनवाई के दौरान, कोर्ट के सामने बिना ट्रीटमेंट के 70 नालों के गंदा पानी को प्रत्यक्ष रूप से अरपा नदी में छोड़े जाने की जानकारी दी गई।वही राज्य सरकार और नगर निगम की तरफ से अधिवक्ता आर एस मरहास ने पक्ष रखा। जिसमें बताया गया 10 दिसम्बर 2024 को सभी पहलुओं को लेकर शपथपत्र दाखिल कर दिया गया है।

सुनवाई के दौरान नगर निगम प्रशासन का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता मरहास ने कहा कि, अभी मौजूद एसटीपी के माध्यम से मार्च 2025 तक 60 प्रतिशत गंदे पानी ट्रीटमेंट का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। वहीं 40 प्रतिशत के लिए एक पुणे की कंपनी से डीपीआर मांगा गया था, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गई है और फंड की कमी भी बताई। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, वर्तमान में शहर के 70 नालों का गंदा पानी अरपा नदी में जा रहा है, नदी का बचा हुआ पानी के साथ भूमिगत जल भी प्रदूषित हो रहा है। जबकि यह जनहित याचिका 2019 से चल रही है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने नगर निगम प्रशासन पर देरी से काम करने और गंभीरता नहीं लेने की बात कही। वहीं केंद्र सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत फंड की कोई कमी नहीं है। इस मामले को लेकर के कोर्ट ने उनके अधिवक्ता के माध्यम से नगर निगम आयुक्त से एक व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल कर गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर का स्टेटस को लेकर के जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को निर्धारित की है।

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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