मुरैना, 13 जनवरी (Udaipur Kiran) । चंबल नदी में एक बार फिर से घडिय़ालों की घर वापसी हुई है। वन विभाग के डीएफओ ने सोमवार को चंबल नदी में 25 घडिय़ालों को चंबल नदी के प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया है। नदी में छोड़े गए घडिय़ाल देवरी घडिय़ाल केंद्र में 2 साल की कड़ी देखभाल और संतुलित वातावरण में रह रहे थे। 2 साल पहले इन घडिय़ालों का जन्म देवरी घडिय़ाल केंद्र में अंडों से हैचिंग के जरिये हुआ था। इसके बाद इन्हें संतुलित और सुरक्षित माहौल में पाला गया, ताकि ये पानी में रहने और हर चुनौतीपूर्ण वातावरण को सहन करने के काबिल बन सकें।
इन घडिय़ालों को नदी में छोडऩे से पहले घडिय़ालों की पूंछ पर ट्रैकिंग डिवाइस लगाया गया है। इसके जरिए वन विभाग इनकी गतिविधियों और स्वास्थ्य पर नजर रख सकेगा। उल्लेखनयी है कि चंबल नदी को घडिय़ालों के लिए दुनिया की सबसे सुरक्षित नदी माना जाता है। इस साल करीब 98 घडिय़ालों को चम्बल नदी में विचरण करने की योजना बनाई गई हैं। चंबल नदी का ये इलाका घडिय़ालों के लिए स्वर्ग के समान है। वन विभाग के डीएफओ सुजीत जे पाटिल ने बताया कि 98 घडिय़ालों में से 25 घडिय़ालों को चम्बल नदी में रिलीज किया है। जिसमें 4 नर और 21 मादा घडिय़ाल शामिल है। जल्द ही 73 घडिय़ालों को चम्बल नदी में विचरण के लिए छोड़ा जाएगा।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा