Uttar Pradesh

रंगीन शिमला मिर्च की खेती से लिखी सफलता की नई कहानी, नौकरी छोड़ पकड़ी स्वावलंबन की डोर

पाली हाउस में रंगीन शिमला मिर्च

— राजगढ़ के युवा किसान की मिसाल

मीरजापुर 13 जनवरी (Udaipur Kiran) । क्या नौकरी छोड़कर खेती में जाना सही निर्णय हो सकता है? इस सवाल का बेहतरीन जवाब दिया है राजगढ़ के युवा किसान राजीव सिंह पटेल ने। बीटेक की डिग्री के साथ नौकरी छोड़कर, राजीव ने आधुनिक कृषि की ओर कदम बढ़ाया और अब पाली हाउस में रंगीन शिमला मिर्च उगाकर सालाना 11 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। उनकी यह प्रेरक कहानी आधुनिक तकनीक, परिश्रम और दूरदृष्टि का शानदार उदाहरण है।

राजीव ने साल 2024 में 2,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में पाली हाउस का निर्माण कराया। कुल लागत 20.60 लाख रुपये थी, जिसमें आधी राशि यानी 10.30 लाख रुपये का अनुदान उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग से मिला। पाली हाउस तकनीक ने उन्हें नियंत्रित वातावरण में फसल उगाने की सुविधा दी, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में जबरदस्त सुधार हुआ।

राजीव बताते हैं कि मैंने देखा कि पारंपरिक खेती से किसानों की आय सीमित रहती है। इसलिए मैंने तकनीकी मदद और सरकारी योजनाओं का उपयोग कर इस क्षेत्र में कुछ नया करने का निर्णय लिया।

पाली हाउस में उगाई गई रेड, येलो और ऑरेंज शिमला मिर्च की खेती ने राजीव को उनकी मेहनत का शानदार फल दिया। यह सफलता राजीव के आत्मविश्वास को और मजबूत कर गई। उन्होंने साबित किया कि सही तकनीक और सोच से कृषि को भी एक लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है। राजीव ने रंगीन शिमला मिर्च को चुना, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और बाजार में उच्च मांग वाली फसल है। इसमें पोषण संबंधी विशेषताएं भरपूर होती हैं।

राजीव की सफलता, युवाओं को दिखा रही नई राह

राजीव की इस सफलता ने गांव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित किया है। पहले जो युवा नौकरी के लिए शहरों की ओर भागते थे, वे अब खेती में अपने भविष्य को देख रहे हैं। राजीव का कहना है कि खेती में मेहनत जरूर है, लेकिन सही तकनीक और योजनाओं के उपयोग से यह बहुत लाभकारी बन सकती है। राजीव अब अन्य किसानों को भी पाली हाउस तकनीक और आधुनिक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

भविष्य की योजनाएं

उत्पादन का विस्तार: पाली हाउस का विस्तार कर 20 टन तक उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य।

ऑर्गेनिक खेती: शिमला मिर्च को ऑर्गेनिक बनाने की योजना।

रोजगार सृजन: अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से गांव में रोजगार के अवसर बढ़ाना।

खेती में नए युग की शुरुआत

राजीव सिंह पटेल की कहानी उन किसानों के लिए एक प्रेरणा है, जो खेती को केवल एक पारंपरिक काम मानते हैं। उन्होंने साबित किया कि सही दृष्टिकोण, तकनीकी ज्ञान और सरकारी योजनाओं के सहयोग से खेती भी एक लाभकारी और सम्मानजनक व्यवसाय बन सकती है। राजीव ने कहा कि खेती में सफलता के लिए नवाचार और मेहनत का मेल होना जरूरी है।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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