Gujarat

अमरेली फर्जी लेटरकांड में 3 पुलिसकर्मी निलंबित, सूरत तक फैला आंदोलन

सूरत में कांग्रेस का आंदोलन

अहमदाबाद, 13 जनवरी (Udaipur Kiran) । अमरेली फर्जी लेटरकांड मामले में कांग्रेस के उग्र तेवर के बीच तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। रविवार देर रात पुलिस अधीक्षक संजय खरात ने अमरेली लोकल क्राइम ब्रांच के हेड कांस्टेबल किशन आसोदरिया, कांस्टेबल वरजांग मूलियासिया और महिला कांस्टेबल हीनाबेन मेवाडा को निलंबित करने का आदेश जारी किया। दूसरी ओर इस मामले में सोमवार को सूरत में धरना पर बैठने जा रहे कांग्रेस नेता परेश धानाणी, प्रताप दुधात समेत 40 से 50 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने

हिरासत में ले लिया।

अमरेली लेटरकांड मामले में कांग्रेस नेता परेश धानाणी ने पीड़ित युवती पायल गोटी को न्याय दिलाने के लिए सूरत के मानगढ़ चौक में धरना देने की घोषणा की थी। सूरत पुलिस ने उन्हें धरना देने के लिए मंजूरी नहीं दी। इसके बावजूद आज सुबह 10 बजे के करीब कांग्रेस नेता परेश धानाणी, प्रताप दुधात समेत अन्य कांग्रेस नेता मानगढ़ चौक पहुंच गए और सरदार पटेल की प्रतिमा को माल्यार्पण कर धरना पर बैठने लगे। पुलिस ने सभी हिरासत में ले लिया।

परेश धानाणी ने कहा कि अमरेली में युवती पायल गोटी पुलिस प्रताड़ना की शिकार हुई है। युवती को न्याय दिलाने के लिए हम सभी आंदोलन कर रहे हैं। देश में आजादी

आंदोलन के जरिए आई है, इसके बावजूद पुलिस आंदोलन या विरोध प्रदर्शन करने नहीं देती है। मानगढ़ चौक पर धरना की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। आमतौर पर इस तरह के धरना और आंदोलन के लिए किसी तरह की अनुमति की जरूरत भी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ चौक सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन का साक्षी रहा है।

उल्लेखनीय है कि अमरेली के भाजपा विधायक कौशिक वेकरिया के खिलाफ पार्टी के अंदर से ही हुए फर्जी लेटरकांड मामले में पुलिस ने आरोपी के यहां टाइपिस्ट की नौकरी करने वाली पायल गोटी को आरोपित बनाते हुए गिरफ्तार किया था। बाद में युवती को अन्य आरोपितों के साथ सार्वजनिक जुलूस निकाला गया था। इस मामले अब राज्य में

आंदोलन जोर पकड़ने लगा है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसकी भत्सर्ना करते हुए आंदोलन की राह पकड़ ली है। कांग्रेस नेता परेश धानाणी धरना ने धरना की राह

पकड़ ली है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया ने भी सार्वजनिक कार्यक्रम में बेल्ट से अपनी पीठ पर खुद को पीटा था। जबकि राजकोट के भाजपा सांसद परसोत्तम रूपाला ने एक दिन पूर्व रविवार को बयान देते हुए पायल गाेटी मामले में पुलिस के व्यवहार को अयोग्य करार दिया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि इसके बाद ही अमरेली के पुलिस अधीक्षक ने तीन पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही का दोषी ठहराते हुए निलंबित कर दिया।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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