उदयपुर, 12 जनवरी (Udaipur Kiran) । महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 10 और 12 जनवरी उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 32 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें महिला एवं बाल विकास विभागों के 16 राज्य मंत्री शामिल थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के कल्याण और विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था।
चिंतन शिविर का उद्घाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया। शिविर में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी, ओडिशा की उप मुख्यमंत्री प्रभाती परीडा सहित कई प्रमुख मंत्री उपस्थित थे।
इस दौरान मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं-मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम ने इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए नवाचार, नीति सुधारों और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान किया। शिविर के दौरान महिलाओं की सुरक्षा, बाल पोषण और आंगनवाड़ी केंद्रों को मजबूत बनाने जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा साझा की गई सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों ने देश भर में महिलाओं और बच्चों के जीवन में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा, आंगनवाड़ी प्रणाली को मजबूत करना, महिला सशक्तिकरण, बाल विवाह उन्मूलन, शी-बॉक्स और गोद लेने जैसी योजनाओं पर भी चर्चा हुई।
चिंतन शिविर के समापन पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने आंगनवाड़ी सेवाओं में सुधार और महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे हम एकीकृत बाल विकास सेवाओं की 50वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई बच्चा पिछड़ने न पाए।
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(Udaipur Kiran)