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संसद की संचार और सूचना प्रौद्योगिकी स्थाई समिति ने किया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का दौरा

वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा इको सिस्टम की तकनीकों की समीक्षा

– वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा इको सिस्टम की तकनीकों की हुई समीक्षा

भोपाल, 11 जनवरी (Udaipur Kiran) । राज्यसभा की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्रबंधन की स्थाई समिति इन दिनों मध्य प्रदेश के चार दिवसीय प्रवास पर है। समिति के सभापति निरंजन बीशी और सदस्य गुलाम अली ने अपने मध्य प्रदेश के दूसरे दिन शनिवार को विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा इको सिस्टम के संरक्षण हेतु अपनाई जाने वाली उन्नत तकनीकों की समीक्षा की।

संसद की स्थाई समिति ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों एवं जैव-विविधता के संरक्षण हेतु अपनाई जाने वाली तकनीकों पर संतोष व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने विदेशों में अपनाई जाने वाली तकनीकों का अध्ययन कर उन्हें अपनाने का सुझाव दिया।

अपर पीसीसीएफ एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 1563 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें कोर एरिया 716 वर्ग किलो मीटर तथा बफर एरिया 820 वर्ग किलो मीटर है। यहाँ 165 बाघ निवास करते है। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने बताया कि बाघों के संरक्षण के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उपयोग की जाने वाली तकनीकों का अनुसरण अन्य रिजर्व पार्क भी करते है। यहां एआई तकनीक, एलर्ट तकनीक, ड्रोन तकनीक, रिमोट सेंसिंग तकनीक, सेटेलाइट कॉलरिंग, पेट्रोलिंग, बघीरा ऐप तथा आग से संरक्षण एवं वन्य जीव-मानव अर्न्तद्वंद्व को बचाने के लिये अन्य तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।

समीक्षा बैठक में शहडोल संभाग आयुक्त सुरभि गुप्ता, उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, संसदीय स्थाई समिति के दल में अधिकारी एसके मरवाह, कविता भाटिया, संदीप कुमार, विनोद कुमार, सुधीर रेड्डी, राजीव शर्मा, जेपी भास्कर, वीरेंद्र कुमार, उप संचालक बीटीआरपी के. वर्मा सहित विभिन्न विभागों के राज्य एवं सम्भाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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