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अनुभव प्रमाण पत्र को सत्यापित कर जयपुर नहीं भेजने पर हाइकोर्ट गंभीर

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जोधपुर, 11 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश को एक महीना बीत जाने के बावजूद पालना नहीं करने व अनुभव प्रमाण पत्र को सत्यापित कर निदेशालय/सीफू, जयपुर नहीं भेजने काे गंभीरता से लिया है। आदेश की पालना नहीं करने पर नागौर सीएमएचओ को हाज़िर रहने के आदेश जारी किए है। रिट याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट न्यायाधीश अरूण मोंगा की एकलपीठ ने आदेश दिए।

राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, साल्ट रोड़, डीडवाना को पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद याचिकाकर्ताओं को चिकित्सा विभाग द्वारा जरिये संबंधित प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त किया गया था और सेवाकाल के दौरान पारिश्रमिक का भुगतान प्लेसमेंट एजेंसी की सुविधानुसार नक़द और जरिये बैंक खाते में किया जाता रहा और याचीगण लगातार सेवारत रहे हैं और नर्सिंग ऑफिसर की भर्ती के लिए विज्ञापन 05 मई 2023 को निकाले जाने पर तत्कालीन सीएमएचओ द्वारा निर्धारित परफॉर्मा में समस्त अटेंडेंस, बिल और वाउचर से मिलान कर कार्य अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया लेकिन अब अस्थायी मेरिट लिस्ट निकाले जाने के बाद निदेशालय ने सभी सेवारत संविदा अभ्यर्थियों का कार्य अनुभव का पुनर्सत्यापन करवाने के लिए सभी सीएमएचओ को दिनांक 22.11.2023 को निर्देश दिए गए। लेकिन नागौर के सीएमएचओ ने कार्य अनुभव का पुनर्सत्यापन करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि याचीगण की नियुक्ति उसके कार्यकाल में नही हुई थी, जिस पर अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी के जरिये रिट याचिकायें दायर की गई।

रिट याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के समय अन्तरिम आदेश 3 दिसंबर 2024 से एक पद रिक्त रखने सहित सीएमएचओ नागौर को याचिकाकर्ता का कार्य अनुभव का सत्यापन कर निदेशालय, जयपुर को भेजे जाने के स्पष्ट आदेश दिए गए ताकि याचिकाकर्ता को नर्सिंग ऑफिसर पद पर नियुक्ति के लिए कंसीडर किया जा सके।। लेकिन करीब एक माह बीत जाने के बाद भी सीएमएचओ नागौर ने कार्य अनुभव का सत्यापन कर जयपुर नही भेजा। सीएमएचओ नागौर के कार्यालय से याचिकाकर्ता को मौखिक बताया गया कि हाइकोर्ट के आदेश से कुछ नहीं होता है, निदेशालय, स्वास्थ्य भवन, जयपुर से आदेश आने पर ही कार्य अनुभव का सत्यापन कर निदेशालय, जयपुर को भेजा जा सकता है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय को बताया गया कि एक तरफ एक माह बीत जाने के बाद भी न्यायालय के अंतरिम आदेश की पालना नही की जा रही और दूसरी ओर, निदेशालय से दिनांक 09 जनवरी को नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिया गया, जिससे याचीगण को कटऑफ से ज्यादा अंक होने के बाद भी नियुक्ति से वंचित रहना पड़ा है।

जिस पर हाइकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व आदेश की पालना नहीं होने की स्थिति में, नागौर सीएमएचओ को व्यक्तिश: तलब करते हुए प्रकरण की अगली पेशी 23 जनवरी 2025 नियत की।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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