सीधी, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. डीके द्विवेदी को रीवा लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शुक्रवार को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने कलेक्ट्रेट स्थित अपने दफ्तर में रिश्वत की रकम ली। आरोपित अधिकारी ने एक हॉस्टल के चपरासी का ट्रांसफर रोकने के लिए उससे 20 हजार रुपये मांगे थे। जिसमें से 15 हजार रुपये वह पहले दे चुका था। शुक्रवार को बाकी पांच हजार रुपये देने पहुंचा था, तभी लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उन्हें पकड़ लिया।
लोकायुक्त के अनुसार, फरियादी सुखलाल कोल जिले के सुखवारी छात्रावास में पदस्थ है। उसका ट्रांसफर कहीं और कर दिया गया था। ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर अधिकारी ने उससे रिश्वत मांगी थी। सुखलाल ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी। लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम ने शिकायत के आधार पर शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय की दूसरे मंजिल पर स्थित आदिवासी विकास विभाग के चैंबर में छापा मारा, जहां सहायक आयुक्त को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। बाद में उन्हें सर्किट हाउस ले जाया गया। जहां कार्रवाई की गई।
सुखलाल कोल ने बताया कि वह लगभग 25 साल से चपरासी के पद पर छात्रावास में पदस्थ है। उसका ट्रांसफर अमरबाह कर दिया गया था, जो उसके घर से काफी दूर है। उसका अब रिटायरमेंट का समय आ रहा है। इसके लिए उनसे कहा कि मैं इतनी दूर नहीं जा पाऊंगा। तब सहायक आयुक्त डॉ डीके द्विवेदी ने मुझे 20 हजार रुपये की मांग की। ट्रांसपोर्ट रुकवाने के लिए मैंने 15 हजार एक सप्ताह पहले दे दिए थे। लेकिन अब फिर से पांच हजार देने के लिए आया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
आरोपी अधिकारी डॉ. डीके द्विवेदी 10 दिन पहले एक जनवरी को ही प्रमोशन के बाद आदिवासी विकास विभाग में सहायक आयुक्त बनाए गए थे। इससे पहले वे करीब डेढ़ साल तक प्रभारी सहायक आयुक्त के पद पर रहे। साल 2017 में इनकी पोस्टिंग सीधी जिले में आदिवासी विकास विभाग में सहायक संचालक के पद पर हुई थी।
(Udaipur Kiran) तोमर