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विकसित भारत के दृष्टिकोण का अभिन्न अंग प्रवासी भारतीयः राष्ट्रपति

President Murmu pravsi Bhartiya

नई दिल्ली, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में कहा कि हमारा देश वर्ष-2047 तक विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है। इस राष्ट्रीय मिशन में विदेश में रहने वाले लोगों सहित प्रत्येक भारतीय की सक्रिय और उत्साही भागीदारी की आवश्यकता है। भारतीय प्रवासी इस दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग हैं। उनकी वैश्विक उपस्थिति उन्हें एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान करती है और उनकी उपलब्धियां उन्हें विकसित भारत की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान देने की स्थिति में रखती हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने शुक्रवार को भुवनेश्वर (ओडिशा) में तीन दिवसीय 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रवासी देश के सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे अपने साथ न केवल इस पवित्र भूमि में अर्जित ज्ञान और कौशल लेकर गए हैं, बल्कि वे सहस्राब्दियों से हमारी सभ्यता की नींव रहे मूल्य और लोकाचार भी लेकर गए हैं।

राष्ट्रपति ने सभी प्रवासी भारतीय सम्मान विजेताओं को बधाई दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला या उद्यमिता हर क्षेत्र में भारतीय प्रवासियों ने अपनी छाप छोड़ी है। इसे दुनिया स्वीकार करती है और सम्मान देती है। प्रवासी भारतीयों की सफलता की कहानियां भारत के लिए गर्व की बात है। वे दुनिया भर में लाखों लोगों को उत्कृष्टता को लेकर प्रयास करने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू को भी बधाई दी और कहा कि महिलाओं और भारतीय प्रवासियों पर विशेष ध्यान देने के साथ अपने देश का नेतृत्व करने में उनके उत्कृष्ट योगदान ने विश्व मंच पर एक उच्च मानक स्थापित किया है।

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रवासी भारतीय दिवस अब एक आयोजन से कहीं अधिक बन गया है। उन्होंने कहा कि यह मंच विचार पाने, सहयोग स्थापित करने और भारत तथा प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध मजबूत करने का काम कर रहा है। भारत के वसुधैव कुटुंबकम के शाश्वत दर्शन का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह दृष्टिकोण हमारी जरूरतों को पूरा करता है और वैश्विक कल्याण में भी योगदान देता है। सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ आर्थिक प्रगति को संतुलित करने वाला राष्ट्र बनना चाहते हैं। इससे आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम अपने प्रवासी भारतीय परिवार की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं। हमें आशा और दृढ़ संकल्प के साथ भविष्य की ओर भी देखना है। साथ मिलकर, हम वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा और दुनिया के लिए प्रकाश की किरण बनने वाला राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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