RAJASTHAN

राजस्थान पुलिस का पेपर लीक माफिया पर शिकंजा

पेपर लीक गिरोह का मास्टर माईंड सुरेश ढाका भगौड़ा घोषित

जयपुर, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश में वर्ष 2023 तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं के कारण युवाओं में व्याप्त निराशा को दूर करने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्थान पुलिस की ‘स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम'(एसआईटी) ने विगत एक साल के दौरान एक के बाद एक अनेक प्रभावी कार्रवाइयों को अंजाम देकर नई नजीर पेश की है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में नई सरकार का नेतृत्व संभालने के तुरंत बाद 16 दिसंबर 2023 को पेपर लीक से सम्बंधित प्रकरणों की गहन जांच एवं नकल गिरोह से जुड़े आरोपियों की धरपकड़ करते हुए हताश युवाओं के विश्वास को लौटाने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस और एसओजी के नेतृत्व में ‘एसआईटी’ के गठन का निर्णय लिया था। एसआईटी ने प्रदेश में पेपर लीक की रोकथाम के लिए इस सम्बन्ध में दर्ज मामलों में न केवल जांच को त्वरित तरीके से आगे बढ़ाया है, बल्कि दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त एक्शन से जताया है कि राज्य सरकार युवाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने बताया कि राजस्थान पुलिस की ‘एसआईटी’ ने पिछले एक साल के अंतराल में पेपर लीक के अनेकानेक अपराधियों और पेपर लीक के मामलों में सम्मिलित गैंग के सरगनाओं की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश में कानून के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘एसआईटी’ की निर्णायक कार्रवाईयों से बने माहौल के बीच प्रदेश में गत एक साल में राजस्थान लोक सेवा आयोग की 145 एवं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड की 25 परीक्षाएं बिना पेपर लीक पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई है।

डीजीपी साहू ने बताया कि प्रदेश में जेईएन पेपर लीक एवं उप निरीक्षक पुलिस एवं प्लाटून कमाण्डर भर्ती परीक्षा—2021 के पेपर लीक में सम्मिलित मुख्य गैंग सरगनाओं के साथ-साथ उनके सहयोगी तथा गलत तरीके से लाभान्वित हुए परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से अनेक आरोपित वर्तमान में भी सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने बताया कि ‘एसआईटी’ द्वारा परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं के बारे में अलग—अलग स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर 2300 से अधिक परिवादों की जांच की जा रही है। अब तक 94 एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं पेपर लीक मामलों में 244 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, इनमें से 176 आरोपित मौजूदा समय में जेल में है।

डमी कैंडिडेट्स के सहारे चयन के आरोपित भी आएं गिरफ्त में

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) एटीएस और एसओजी तथा ‘एसआईटी’ के प्रमुख वीके सिंह ने बताया कि प्रदेश में कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान एसओजी के थाने पर पेपर लीक, डमी अभ्यर्थियों के सहारे चयन तथा प्राइवेट विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट थोक में जारी करने और इनका बड़े स्तर पर इस्तेमाल करते हुए सरकारी नौकरियां प्राप्त करने से जुड़ी 91 एफआईआर रजिस्टर की गई। उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बैठाकर अनुचित साधनों के प्रयोग से चयनित होने वालों की संख्या बहुत अधिक होने का खुलासा हुआ। यह भी एक पेपर लीक जैसी गम्भीर समस्या थी, जो कि अब तक दबी हुई थी। एसआईटी ने इसे उजागर कर परीक्षा प्रणाली में सुधार करवाए हैं।

एडीजी एसओजी एवं एटीएस सिंह ने बताया कि एसआईटी ने आरपीएससी द्वारा आयोजित अधिशाषी अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी(ईओ/आरओ) भर्ती परीक्षा—2023 की जांच कर 20 आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए इनमें पेपर लीक एवं अनुचित साधनों के उपयोग का पर्दाफाश भी किया है, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा इस परीक्षा को निरस्त कर पुनः आयोजन की घोषणा की गई है। इसके साथ ही बेकरिया पेपर लीक प्रकरण में दिसम्बर 2022 में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 के सिलसिले में थाना बेकरिया जिला उदयपुर में गिरफ्तार छह आरोपितों की जमानत याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर पीठ द्वारा सुनवाई के बाद अगस्त 2024 में खारिज की गई। ये आरोपित वर्ष 2023 से न्यायिक अभिरक्षा में है।

सिंह ने बताया कि एसआईटी की जांच में ज्ञात हुआ कि पेपर लीक करने एवं डमी अभ्यर्थी की सहायता से चयन कराने वाले गैंग द्वारा बिना योग्यता वाले अभ्यर्थियों का अनुचित साधनों से चयन करवा दिया जाता था। परीक्षा का फार्म भरते समय उनके द्वारा यह घोषणा की जाती थी कि कि वे अमुक विश्वविद्यालय से अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हैं किन्तु वे वास्तव में विद्यार्थी नहीं हो कर चयनित होने पर किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री लाकर एवं अनुचित तरीकों से बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी प्राप्त कर लेते थे। एसआईटी द्वारा ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ गहनता से छानबीन बाद मुकदमा दर्ज किया गया है एवं जांच प्रगति पर है। ऐसे प्राइवेट विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, दलालों एवं कई लाभार्थियों को गिरफ्तार किया गया है और वे अभी भी जेल में बंद है। साथ ही एसओजी ने खेलों में फर्जी प्रमाण पत्र का गोरखधंधा उजागर कर इसमें संलिप्त आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है।

एडीजी एसओजी एवं एटीएस सिंह ने बताया कि एसआईटी की टीम ने गत एक साल में जिस प्रकार रात दिन एक करते हुए पेपर लीक के मामलों में लगातार तत्परता से ठोस कार्रवाई की है, उससे युवाओं के साथ—साथ आमजन में भी सिस्टम के प्रति भरोसा कायम हुआ है। एसआईटी द्वारा जारी हेल्पलाइन पर आमजन सजग प्रहरी के रूप में लगातार परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग कर चयनित लाभार्थियों के बारे में सटीक सूचना बढ़—चढ़कर साझा कर रहे है। एक तरह से एसआईटी हेल्पलाइन ने जनता को पुलिस की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया है।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top