ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 2024 में 656 मामलों में 787 दोषियों को सजा दिलाई गई : एसएसपी
मुरादाबाद, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत जिले में 27 नाबालिगों से दरिंदगी के 31 आरोपितों को बीते वर्ष अपनी करनी की सजा मिली। ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत मुरादाबाद पुलिस की मॉनिटरिंग सेल ने जघन्य, पॉक्सो और दुष्कर्म के मामलों को चिह्नित किया। यह सभी दोषी दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा काटेंगे। इन आरोपितों को सजा दिलाने के लिए 27 पीड़ित नाबालिगों ने हिम्मत जुटाई और न्यायालय की चौखट खटखटाकर इंसाफ की गुहार लगाई। सबसे अहम बात यह है कि यह नाबालिग पीड़िताएं व इनके परिवार न तो धमकियों से डरे और न ही किसी लालच के आगे डिगे। अदालतों द्वारा ऐसे मामलों में सख्ती दिखाने से नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगेगी।
मुरादाबाद में वर्ष 2024 में 27 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के 31 आरोपितों को बीते वर्ष अपनी करनी की सजा मिली। जबकि रेप के कुल 656 मामलों में 787 दोषियों को सजा मिली। पुलिस की मानीटिरिंग सेल ने इन केसों पर काम किया। केस डायरी से लेकर विवेचक तक से बात की। इसके अलावा पीड़िताओं और उनके परिवार के लोगों से भी संपर्क किया। पीड़ितों और उनके अभिभावकों की बीच-बीच में काउंसिलिंग की गई। उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत किया और हर तारीख से पहले उनके संपर्क किया। उनके कोर्ट में बयान दर्ज कराए। पुलिस ने गवाहों को भी कोर्ट तक पहुंचाया। पीड़ितों की सुरक्षा से लेकर आर्थिक मदद दिलाने तक मॉनीटिरिंग सेल ने अहम भूमिका निभाई। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए। जिन्हें लगातार आरोपित पक्ष की ओर से धमकियां मिल रही थीं और उन्होंने कोर्ट में बयान बदलने का मन तक बना लिया था।
इनके अलावा विवेचक द्वारा तैयार की गई मजबूत चार्जशीट की बदौलत अभियोजन पक्ष ने दमदारी से पैरवी की। इसी का नतीजा है कि इस साल नाबालिगों से जुड़े दुष्कर्म के 27 मामलों में अदालत ने 31 आरोपितों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। इसमें दो मामलों में तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है जबकि अन्य मामलों में दस साल से लेकर 20 साल की सजा सुनाई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत विगत साल 656 मामलों में 787 दोषियों को सजा दिलाई है। इनमें नाबालिगों से जुड़े दुष्कर्म के 27 मामलों में अदालत ने 31 आरोपितों को दस साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा मिली जबकि अन्य मामलों में अलग अलग सजा मिली है। पॉक्सो, महिला अपराध और अन्य जघन्य मामलों की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। इसके लिए पहले से एक सेल भी गठित है।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल