Chhattisgarh

दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ’एनी डिवाइस’ एक क्रांतिकारी पहल, आसान हुई पढ़ाई

एनी डिवाइस उपकरण
विद्यालय में एनी डिवाइस से पढ़ाई करते दृष्टिबाधित बच्चे

रायपुर, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को सरल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नया कदम उठाते हुए ’एनी डिवाइस’ नामक विशेष उपकरण प्रदान किया है। यह डिवाइस बच्चों को ब्रेल लिपि को सीखने और पढ़ने में मददगार है। जिला प्रशासन द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय ’सक्षम’ के दृष्टिबाधित बच्चों को यह डिवाईस दिया गया है। ’एनी डिवाइस’ एक स्मार्ट लर्निंग टूल है, जो बच्चों को ब्रेल अक्षरों को पहचानने और लिखने में मदद करता है। यह डिवाइस टच और ऑडियो फीचर्स से लैस है। बच्चे अपनी उंगलियों से डिवाइस पर ब्रेल अक्षरों को छूते हैं, और डिवाइस तुरंत ऑडियो में अक्षर का नाम और उसकी ध्वनि सुनाता है। इसमें इंटरएक्टिव गेम्स और क्विज भी शामिल हैं, जो बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाता है।

दंतेवाड़ा जिले के ’सक्षम’ विद्यालय में 16 दृष्टिबाधित बालिकाएं और 12 बालक पढ़ाई कर रहे हैं। इस नई डिवाइस के आने से न केवल उनकी पढ़ाई आसान हुई है, बल्कि आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है। शिक्षक अमित यादव ने बताया कि ब्रेल लिपि पढ़ाने का अनुभव पहले भी था, लेकिन ’एनी डिवाइस’ ने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य डिजिटल सुविधाओं का अनुभव दिया है। ’एनी डिवाइस’ से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है। यह उपकरण बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें गेम, गानों और अन्य गतिविधियों से भी जोड़ता है। डिवाइस वॉइस असिस्टेंस जैसी तकनीक से लैस है। दंतेवाड़ा प्रशासन का यह प्रयास दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा और तकनीक का समावेश करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2013 में ’सक्षम’ विद्यालय की स्थापना से लेकर ’एनी डिवाइस’ के उपयोग तक, यह पहल दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह शिक्षा में समावेशिता और तकनीकी विकास का प्रतीक बनकर समाज के उन वर्गों के उत्थान है, जिन्हें विशेष सहयोग की आवश्यकता है।

(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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