Uttar Pradesh

डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में ‘स्वयं पारंपरिक पाठ्यक्रम’ पूरक के रूप में कार्य करेगा: प्रो.संजय कुमार

‘स्वयं पाठ्यक्रमों के एकीकरण और कार्यान्वयन’ पर पहली क्षेत्रीय कार्यशाला
‘स्वयं पाठ्यक्रमों के एकीकरण और कार्यान्वयन’ पर पहली क्षेत्रीय कार्यशाला

—बीएचयू में ‘स्वयं पाठ्यक्रमों के एकीकरण और कार्यान्वयन’ पर पहली क्षेत्रीय कार्यशाला

— स्वयं प्लेटफॉर्म पर पाठ्यक्रमों की कमी,संकाय सदस्य विकसित करें: डॉ. दीक्षा राजपूत

वाराणसी,09 जनवरी (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने गुरूवार को परिसर स्थित स्वतंत्रता भवन सभागार में ‘विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों में स्वयं पाठ्यक्रमों के एकीकरण और कार्यान्वयन’ पर क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

शिक्षा मंत्रालय (एमओई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संयुक्त पहल पर शुरू की गई यह कार्यशाला जनवरी से मार्च 2025 तक निर्धारित ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत भी है। कार्यशाला का उद्घाटन बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार,उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव शिपू गिरी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की संयुक्त सचिव डॉ. दीक्षा राजपूत,दिल्ली उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव रोहित त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में स्वयं पारंपरिक पाठ्यक्रम पूरक के रूप में कार्य करेगा। अतिरिक्त सचिव शिपू गिरी ने स्वयं में एआई के एकीकरण पर जोर दिया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की संयुक्त सचिव डॉ. दीक्षा राजपूत ने स्वयं प्लेटफॉर्म पर पाठ्यक्रमों की कमी को स्वीकार किया और संकाय सदस्यों को उन्हें विकसित करने के लिए प्रेरित किया। उप सचिव रोहित त्रिपाठी ने स्वयं जैसी डिजिटल पहल की भूमिका पर जोर दिया। कार्यशाला में बताया गया कि इसका प्राथमिक उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विश्वविद्यालयों में स्वयं पाठ्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा को सुविधाजनक बनाना था। क्रेडिट संचय के लिए छात्र भागीदारी बढ़ाने और अंतःविषय सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

इसके पहले बीएचयू के स्वयं के सह-समन्वयक और कार्यशाला समन्वयक डॉ. आशुतोष मोहन ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यशाला की थीम पेश की और बीएचयू में स्वयं अध्याय की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि बीएचयू ने ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले चौदह महीनों में, बीएचयू ने जुलाई 2024 में 15 स्वयं पाठ्यक्रम और जनवरी 2025 में 22 पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जिससे पूरे भारत में 39,000 से अधिक छात्रों का नामांकन हुआ है। बीएचयू को एएए प्रमाणन से भी मान्यता मिली है और एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों में छात्रों के नामांकन के लिए भारत में शीर्ष 100 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एसपीओसी में स्थान दिया गया है। शैक्षणिक वर्ष 2021-2024 में बीएचयू के छात्रों के कुल क्रेडिट ट्रांसफर लाभार्थियों ने 20 हजार का आंकड़ा पार कर लिया। कार्यशाला के तकनीकी सत्र में शिक्षा मंत्रालय, दिल्ली के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने स्वयं की विकास यात्रा और विश्वविद्यालयों और छात्रों के दृष्टिकोण से इसके उपयोग और लाभ को बताया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की संयुक्त सचिव डॉ. दीक्षा राजपूत ने क्रेडिट ट्रांसफर और परीक्षा ढांचे के लिए स्वयं पाठ्यक्रमों को अपनाने के चरणों के बारे में विस्तार से बताया। आईआईटी मद्रास के नेशनल प्रोग्राम फॉर टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जयकृष्णन एम. ने स्वयं यूनिवर्सिटी डैशबोर्ड पर विस्तृत दृश्य प्रस्तुति दी। समापन सत्र में बीएचयू के रजिस्ट्रार ने आभार जताया। कार्यशाला का संचालन डॉ. पीसी अभिलाष,धन्यवाद ज्ञापन बीएचयू की स्वयं कार्यकारी समिति की सदस्य डॉ. नेहा पांडेय ने किया।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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