Madhya Pradesh

सिंध नदी के बीजोर-चितहरी घाट से हो रहा करोड़ों की रेत का अवैध उत्खनन, प्रशासन बना मूक दर्शक

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शिवपुरी/करैरा, 9 जनवरी (Udaipur Kiran) । करैरा अनुबिभाग अंतर्गत आने वाले सीहोर थाना के बीजोर और चिताहरी गाँव के नजदीक से सिंध नदी में माफियाओ के द्वारा रेत का अबैध उत्खनन बड़े स्तर से प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है, जिसमे एल इन टी, जे सी बी और पनडुब्बी मशीनों के द्वारा रेत का खनन दिन रात बड़े स्तर से किया जा रहा है, एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार माफियाओ के खिलाफ कठोर कार्यवाही की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर करैरा क्षेत्र में माफियाओ पर कार्यवाही न कर उनके होशले बुलंद किए हुए है।

लीज कहीं की उत्खनन कहीं

कल्याणपुर खदान के नाम पर सिंध नदी पर लीज होने का दावा किया जाता है, लेकिन करैरा नरवर की ऐसी कोई सी भी छोटी बड़ी नदी नहीं कि जहां पर से रेत माफियाओं द्वारा उत्खनन नहीं किया जा रहा हो । सम्पूर्ण क्षेत्र की नदियों का सीना छलनी कर दिया गया है, जिससे जल में रहने वाले जीव जंतुओं के आवास भी तहस नहस हो चुके हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रेत का अबैध काला कारोवार चरम सीमा पर है ।

भारी बाहनों से सड़के व पुल हो रहे छतिग्रस्त

अवैध रेत से भरे वाहनों के दिन रात निकलने के कारण रास्ते मे पड़ने वाले पुल व सड़के जिनको आम जनता के टेक्स से बनाया गया था वह कुछ ही महीनों में टूटने की कगार पर आ गए हैं इन सड़कों में करैरा-भितरवार मार्ग, सुनारी करैरा मार्ग, समोहा करैरा मार्ग, दिनारा डामरौंन छितीपुर मार्ग प्रमुख हैं।

बंदूकों के साये में होता है उत्खनन

ज्ञात हो कि करैरा-भितरवार रोड पर पड़ने वाले सीहोर थाना और सुनारी चौकी के अंतर्गत आने वाले बीजोर, वेहगवां, चिताहरी गांव के पास से निकलने वाली सिंध नदी से रात्री 12 बजे से सुबह 5 बजे तक गुंडे बंदूको से तैयार होकर दिन रात करोड़ों रुपए की रेत का अवैध उत्खनन कर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने में लगे हैं । विश्वसनीय सूत्रों की माने तो अवैध रेत खनन से होने वाली मोटी कमाई का एक हिस्सा सफेदपोसों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेंट किया जाता है जो एक गहन जांच का विषय है।

क्षेत्र के सभी थानों के सामने से निकलते रेत के वाहन-

रेत माफियाओं के सिस्टम प्रशासन से कुछ इस प्रकार बैठ गया है कि अब उन्हें डर नाम की कोई बात है ही नहीं जिसका जीता जागता उदाहरण क्षेत्र के सभी थानों और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने से ओवर लोड भरे हुए रेत के ट्रैक्टर ट्राली और डंफरों पर किसी प्रकार की कार्यवाही न होना।

जीव जंतुओं का जीवन संकट में-

नदी के जलाशयों व किनारों को खोदकर निकली जा रही रेत के कारण जहाँ इस भीषण गर्मी में जीव जंतुओं को पीने के पानी का संकट खड़ा हो जाता है तो वही उनके आवास भी नष्ट हो रहे हैं।

घट रहा नदी का जल स्तर-

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार जब से रेत माफिया द्वारा नदी से रेत का अवैध उत्खनन प्रारंभ किया गया है तभी से नदी के जलस्तर में निरंतर गिरावट आ रही है और स्थानीय ग्रामीणों को अपने खेतों के लिए नदी से जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जबकि पूर्व में नदी के कई जलाशय है वर्षभर भरे रहते थे और किसानों के लिए अपनी फसल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो जाता था एक किसान ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की हर कोई व्यक्ति चाहता है कि रेत का अवैध उत्खनन बंद हो लेकिन माफियाओं की गुंडागर्दी के भय से कोई अपनी जुबान नहीं खोल रहा है और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा।

वहीं इस पूरे मामले में करैरा एस डी एम अजय शर्मा का कहना है कि

जिन स्थानों पर रेत के अवैध खनन की सूचना हमें प्राप्त होती है हम तुरन्त कार्यवाही करते हैं अभी कुछ दिन पूर्व भी हमने कुछ वाहन पकड़े थे आंगे भी यह कार्यवाही सतत जारी रहेगी।

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(Udaipur Kiran) / युगल किशोर शर्मा

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