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असम कोयला खदान हादसाः खनिकों की तलाश में गोताखोरों ने फिर शुरू किया अभियान

उमरांग्सू कोयला खदान हादसा स्थल पर अभियान चलाए जाने का दृश्य।

डिमा हसाओ (असम), 09 जनवरी (Udaipur Kiran) । राज्य के पहाड़ी जिला डिमा हसाओ के उमरांग्सू से 25 किमी दूर असम-मेघालय के सीमावर्ती 3किलो में हुए कोयला खदान हादसे के चौथे दिन बचाव अभियान फिर से आज सुबह गोताखोरों की मदद से आरंभ किया गया। हादसे के तीसरे दिन सुबह गोताखोरों ने एक शव को खदान से बाहर निकाला था। उसके बाद पूरे दिन अभियान को कोई सफलता नहीं मिली।

प्रथम बटालियन एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया है कि नेवी, थल सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इलाके में हुई बरसात के कारण बचाव अभियान में दिक्कते आ रही हैं। एनडीआरएफ के सूत्रों ने बताया है कि खदान 200 मीटर गहरा है। जिसे शुरू में 300 मीटर बताया गया था। कोयला खदान में अभी भी 50 से 60 फीट पानी भरा हुआ है। जिसे बाहर निकलने के लिए प्रयत्न किये जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार कोल इंडिया का पंप भी संभवतः आज कोलकाता से पहुंचने वाला है। वहीं, आयल इंडिया के साथ ही जिला प्रशासन समेत अन्य एजेंसियों के पंप के जरिए खदान से पानी निकालने की कोशिश जारी हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद पानी तेजी से कम नहीं हो रहा है, लेकिन बढ़ने की रफ्तार भी तेज नहीं है। जिससे अभियान चला रहे एजेंसियों को बचाव कार्य में आशा की किरण दिखाई दे रही है।

अभियान चला रहे गोताखोरों के अनुसार खदान के अंदर जितनी बार जांच की गयी, वहां कुछ भी नहीं मिला है। संभवतः खनिक रैट होल के अंदर हों इसलिए उनको खदान के अंदर ढूंढना बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि पानी कम होने से तलाशी अभियान बेहतर ढंग से चलाया जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि कोयला खदान में गत सोमवार को अचानक पानी भरने के चलते अंदर काम कर रहे खनिक फंस गये। उनकी सटीक संख्या औपचारिक तौर पर सामने नहीं आई है। हालांकि, 11 लोगों के अंदर फंसे होने की बात कही जा रही है। जिसमें एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है, जो मूल रूप से पड़ोसी देश नेपाल का रहने वाला था। जिसकी पहचान राजेन शेर्च (42, जिला-उदयपुर,नेपाल) के रूप में की गयी है।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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