नई दिल्ली, 08 जनवरी (Udaipur Kiran) । निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के मामले पर सुप्रीम कोर्ट अब 4 फरवरी को सुनवाई करेगा। आज याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त 18 फरवरी को नियुक्त हो रहे हैं और नई नियुक्ति की जरूरत है, इसलिए इस याचिका पर सुनवाई की जाए।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि संविधान बेंच के फैसले में कहा गया था कि कार्यपालिका इस मुद्दे को नियंत्रित नहीं कर सकती है। तब कोर्ट ने 4 फरवरी को सुनवाई की तिथि नियत करते हुए कहा कि यहां असली परीक्षा कोर्ट की राय और विधायिका के अधिकार के बीच की है। निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका खत्म करने के केंद्र सरकार के कानून पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर दी गई हैं।
याचिकाकर्ता जया ठाकुर के अलावा एक याचिका एडीआर ने दायर की है। याचिका में चयन समिति में चीफ जस्टिस को भी रखने की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ वकीलों ने भी याचिका दायर कर रखी है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून को चुनौती देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरूरी है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 में अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस फैसले पर एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस के बजाय सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को शामिल कर दिया।
(Udaipur Kiran) /संजय——–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम