– नया भवन बनेगा, नये पाठ्यक्रम शुरू होंगे- फैकल्टी की नई भर्ती भी होंगी
इंदौर, 8 जनवरी (Udaipur Kiran) । इंदौर के श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक महाविद्यालय को अपने गौरव के अनुरूप नये स्वरूप में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विस्तृत मास्टर प्लान तैयार कर कार्य कराये जाएंगे। महाविद्यालय का नया भवन बनाया जाएगा। इसमें सभी एकेडमिक और प्रशासनिक सुविधाएं रहेंगी। महाविद्यालय में नये पाठ्यक्रम भी शुरू किये जाएंगे। फैकल्टी की नई भर्ती भी की जाएगी।
यह जानकारी बुधवार को यहां संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई श्री वैष्णव सहायक कपड़ा मार्केट टेक्निकल एज्युकेशन सोसायटी की 59वीं बैठक में दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा, प्रबंध समिति अध्यक्ष पुरुषोत्तम दास पसारी, प्रभारी प्राचार्य एसएस शर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
बैठक में इंदौर के श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के संचालन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बताया गया कि इस संस्थान का भवन भी पुराना हो गया है। फैकल्टी भी कम हो गई है। सुविधाएं भी धीरे-धीरे कम हो रही हैं। इन सबके मद्देनजर इस संस्थान की निर्धारित सीटों में भी कमी की गई है। संस्थान की साख भी कम होती जा रही है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक महाविद्यालय का नया भवन बनाया जाए। उन्होंने पूर्नघनत्वीकरण योजना के तहत प्रस्ताव तैयार किये जाने के निर्देश दिए।
संभागायुक्त ने कहा कि महाविद्यालय में श्री वैष्णव कपड़ा मार्केट ट्रस्ट के सहयोग से नये स्व-वित्त पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाए। सीटों की संख्या बढ़वाई जाए। नई फैकल्टी की नियुक्ति भी की जाए। महाविद्यालय के अक्षम फैकल्टी तथा कर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव तैयार कराये जाए। यह सेवानिवृत्ति सामान्य प्रशासन विभाग के सेवा काल के 20 वर्ष तथा आयु के 50 वर्ष के निर्धारित नियमानुसार तैयार किये जाए। उन्होंने महाविद्यालय की कार्यप्रणाली में तेजी से सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की साख को पुन: स्थापित किया जाए।
उन्होंने महाविद्यालय के एक व्याख्याता परेश सांवलिया के विरूद्ध लम्बे समय से लंबित कदाचरण की जांच को एक माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर एक माह में जांच रिर्पोट प्रस्तुत नहीं करने पर जांच समिति के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि महाविद्यालय में यह सुनिश्चित किया जाए कि पाठ्यक्रम में निर्धारित सीट के अनुरूप दाखिला हो। सीट रिक्त रहने पर संबंधित पाठ्यक्रम के विभागाध्यक्ष और फैकल्टी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
(Udaipur Kiran) तोमर