Madhya Pradesh

उज्जैन : क्राइम ब्रांच ने चार फर्जी एडवाइजरी कंपनियों पर मारा छापा

उज्जैन : क्राइम ब्रांच ने चार फर्जी एडवाइजरी कंपनियों पर मारा छापा

उज्जैन, 8 जनवरी (Udaipur Kiran) । शहर में क्राइम ब्रांच ने बुधवार को चार फर्जी एडवायजरी कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई की। इनके पास सेबी का लायसेंस नहीं था। अचानक मारे गए छापे में पुलिस ने 130 युवक-युवतियों को हिरासत में लिया और दर्जनों मोबाइल फोन जब्त किए। चार में से दो संचालक गिरफ्तार हो गए हैं वहीं दो फरार है,जिनको पुलिस तलाश रही है। ये मध्यप्रदेश के बाहर के प्रदेशों में कॉल करवाते थे। डीमेट अकांउट खुलवाकर लाखो रूपए का मुनाफा शेयर बाजार से मिलने का लालच देते थे। बदले में ये भारी कमीशन लेते वहीं कुछ समय बाद घाटा दिखाकर अकाउंट होल्डर का खाता भी बंद करवा देते थे।

बुधवार शाम पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मीडिया से चर्चा में बताया गया कि लम्बे समय से शिकायत मिल रही थी कि उज्जैन शहर में बगैर सेबी के लायसेंस के फर्जी एडवायजरी कम्पनियां चल रही है। ये ”एंजल-वन एपÓÓ का उपयोग करके लोगों को फंसा रही है। जानकारी मिलने पर सभी तरह से पड़ताल की और माधवनगर एवं नीलगंगा थाना क्षेत्र में दो-दो जगह,ऐसे कुल चार स्थानों पर अलग-अलग दल बनाकर अचानक से छापे मारे गए। इन स्थानों से 130 युवक-युवतियां,दर्जनों मोबाइल फोन,कम्प्यूटर,लेपटॉप आदि जब्त किए गए।

काम करनेवाले युवक-युवतियों को मिलते 10 रू. प्रति ट्रांजिक्शन

पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने बताया कि छापे के दौरान मौके पर जांच में पाया गया कि कॉल करके रूपये इनवेस्ट करने के नाम पर ठगा जाता था। पहले लोगों के डीमेट अकाउंट खुलवाते,उसके बाद उसमें रूपयों का ट्रांजीक्शन होता, फिर घाटा दिखाया जाता और लोगों के रूपये हड़प लिए जाते थे। ऐसी शिकायतें जब आई तो उसकी विवेचना करवाई गई। अभी तक की स्थिति में पता लगा है कि इन चारों फर्जी कम्पनियों द्वारा करोड़ों रूपए का ट्रांजिक्शन किया गया है। जब काम करनेवाले युवक-युवतियों में से कुछ से पूछताछ की गई तो पता चला है कि ये कम्पनियां कमिशन के रूप में भारी मुनाफा लेती थी। लेकिन काम करनेवाले युवक-युवतियों को केवल 10 रूपए प्रति ट्रांजिक्शन ही दिया जाता था। जिन चार स्थानों पर छापा मारा गया, उनको संचालित करनेवाले चारों आरोपियों में से दो अजय पंवार एवं शशि मालवीय को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया वहीं शेष दो चंदन भदौरिया तथा विनय राठौर फरार हो गए।

श्री शर्मा ने बताया कि इनके कॉल प्रदेश से बाहर अधिक जाते थे। वहीं के डेटा ये खरीदते थे। जो दो संचालक गिरफ्तार किए गए हैं,उन्होने अभी तक की पूछताछ में बताया है कि वे कतिपय कम्पनियों से डेटा खरीदते थे। इसके बाद विभिन्न कम्पनियों में काम करनेवाले लोगों,खास करके युवा वर्ग को कॉल जाता था ओर डीमेट अकाउंट खुलवाने तथा शेयर बाजार में रूपए लगाकर लाखों का मुनाफा कमाने का लालच देते थे। इसके बदले कम्पनी को भी लाखों का मुनाफा हो जाता था। इनके पास से ऐसे डेटा की सूची भी मिली। पुलिस ने मौके से सारे रिकार्ड भी जब्त कर लिए हैं। आरोपियों के खिलाफ सेबी और ठगी की धाराओं में अपराध पंजीकृत किए गए हैं। पकड़े गए 130 युवक-युवतियों की भूमिका जांच रहे हैं कि वे कितने दोषी हैं?

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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