Haryana

हिसार : गुरु जम्भेश्वर भगवान के बताए नियमों का पालन करना चाहिए : स्वामी सच्चिदानंद

संगोष्ठी में विचार रखते स्वामी सच्चिदानंद।
संगोष्ठी में उपस्थित आए हुए शिक्षक।

हर नियम का वैज्ञानिक महत्व, कोई ऐसा नियम नहीं, जिसका कोई महत्व न होराजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का संभाग स्तरीय कार्यकर्ता विकास वर्ग का आयोजन

हिसार, 8 जनवरी (Udaipur Kiran) । बिश्नोई समाज के पवित्र तीर्थ स्थान मुक्तिधाम मुकाम में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का संभाग स्तरीय कार्यकर्ता विकास वर्ग का आयोजन बुधवार काे किया गया। इस कार्यकर्ता विकास वर्ग का उद्देश्य ‘शिक्षक संगठन में प्रतिबद्ध कार्यकर्ता कैसे बने, शिक्षक अपने कर्तव्य एवं दायित्व का पूर्ण निष्ठा से पालन करते हुए एक योग्य एवं सुसंस्कृत नागरिक कैसे तैयार करें, पर विचार विमर्श एवं मंथन हुआ। इसके अलावा वर्तमान परिदृश्य व चुनौतियां एवं समाधान, तथा संगठन की कार्य पद्धति एवं पंच परिवर्तन पर विचार मंथन हुआ।’इसमें बिश्नोई समाज के युवा संत महंत डॉ. सच्चिदानंद शास्त्री ने शिक्षकों के साथ बिश्नोई पंथ के नियमों के बारे में विचार-विमर्श किया। स्वामी सच्चिदानंद ने गुरु जम्भेश्वर भगवान की पावन भूमि पर आयोजित इस कार्यक्रम में सभी शिक्षकों की बिश्नोई पंथ एवं गुरु जाम्भोजी से संबंधित जिज्ञासा पर सविस्तार अपने विचार प्रस्तुत किये। इस कार्यक्रम में बीकानेर, गंगानगर हनुमानगढ़ एवं अनूपगढ़ जिले के शिक्षक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। स्वामी जी ने शिक्षकों से बातचीत करते हुए श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान के नियमों व उनके वैज्ञानिक कारणों बारे विस्तार से बताया। स्वामी जी ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर भगवान द्वारा बताए गए नियमों में कोई ऐसा नियम नहीं है, जिसका वैज्ञानिक महत्व न हो। ऐसे में हमें गुरुजी के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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