West Bengal

सुंदरबन में बाघ की खोज: कूलतली के जंगलों और नदी के रास्ते वन विभाग की कार्रवाई तेज

बाघ

कोलकाता, 08 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुंदरबन के कुलतली इलाके में बाघ की मौजूदगी ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। वन विभाग की टीम बुधवार सुबह से ही इस ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चला रही है। खबर है कि बाघ ने माकड़ी नदी पार की है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए जलमार्ग का निरीक्षण किया जा रहा है। अगर बाघ ने नदी पार की होगी, तो उसके पांव के निशान नदी किनारे मिलने की संभावना है।

कुलतली के मयपिथ के उत्तर बैकुंठपुर इलाके के जंगलों में सोमवार सुबह ग्रामीणों ने बाघ के पांव के निशान देखे। इसके बाद श्रीकांत पल्ली और किशोरीमोहनपुर जैसे जंगल से सटे गांवों में दहशत फैल गई। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने इलाके में तलाशी शुरू की, लेकिन बीते दो दिनों में बाघ को पकड़ने में सफलता नहीं मिली।

हालांकि, जंगल में बाघ की मौजूदगी के स्पष्ट संकेत मिले हैं। कभी बाघ की गर्जना सुनाई दी तो कभी उसके पांव के निशान दिखाई दिए। मंगलवार को बाघ के गतिविधियों ने वन विभाग को उत्तर जगद्दल इलाके की ओर ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर किया। वहां नदी किनारे बाघ के पांव के निशान मिले, जिसके बाद करीब एक किलोमीटर का क्षेत्र जाल से घेरा गया और पिंजरे लगाए गए।

बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग कई कदम उठा रहा है। इलाके में पटाखे फोड़कर बाघ को भगाने की कोशिश की गई, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। पिंजरे में मांस का चारा रखने के बाद भी बाघ उसमें फंसने से बच गया। अब विभाग जलमार्ग से जंगल का निरीक्षण कर रहा है।

अगर बाघ की मौजूदगी की पुष्टि होती है, तो वन विभाग जंगल के अंदर मचान बनाकर उसे बेहोशी की दवा देकर पकड़ने की योजना बना रहा है। हालांकि, विभाग का प्राथमिक लक्ष्य बाघ को गहरे जंगल में सुरक्षित ढंग से वापस भेजना है।

कुलतली और आसपास के इलाके में बाघ को लेकर तनाव बना हुआ है। वन विभाग की टीम लगातार इलाके का निरीक्षण कर रही है और ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है। सभी की नजर इस पर है कि वन विभाग कब और कैसे इस रॉयल बंगाल टाइगर को पकड़ने में कामयाब होता है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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