उज्जैन, 7 जनवरी (Udaipur Kiran) । प्राचीन तीर्थ स्थल उज्जैन का हिन्दू परंपरा में विशेष महत्व है। महाकालेश्वर मंदिर के निकट बडे, श्री चिंतामन गणेश, हरसिद्धि मंदिर, सिद्ध वट, काल भैरव, सांदीपनि आश्रम, गडकालिका मंदिर समेत मंगलनाथ मंदिर वह पूजा स्थल है, जहां देश भर से भक्त अपने भगवान के दर्शन करने आते हैं और अपनी श्रद्धानुसार अपने देवता को भेंट चढ़ाते है, जिसमें कि पिछले साल की तरह ही इस साल भी मंगलनाथ को भक्तों ने करोड़पति बना दिया है।
दरअसल, मंगलनाथ मंदिर को भात पूजन एवं अन्य पूजनों तथा भेटपेटी, क्यूआर कोड के माध्यम से राशि रूपए 4,50,49,037/- (रुपए-चार करोड़ पचास लाख उनपचास हजार सेतीस मात्र) मंदिर समिति को दान स्वरूप प्राप्त हुई हैं। इस संबंध में प्रशासक के के पाठक ने बताया कि शिप्रा तट स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री मंगलनाथ जी के मंदिर पर देश-विदेश से श्रद्धालुगुणों, दर्शनार्थियों के साथ ही साथ भात पूजन एवं अन्य पूजनों यथा- कालसर्प,अंगारक दोष,श्रापित दोष, अर्क विवाह,कुंभ विवाह आदि की पूजन हेतु यजमानों का निरंतर रूप से आगमन होता है।
उन्होंने बताया कि आने वाले सभी यजमानों के द्वारा की जाने वाली पूजन मंदिर के विद्वान पंडित, आचार्यगणों के द्वारा संपूर्ण विधान के साथ संपन्न करवाई जाती है। मंदिर पर आने वाले सभी यजमानों को विद्ववान पंडित, आचार्यगणों के द्वारा पूजन उपरांत आशिर्वाद दिया जाता है तथा यजमानों की मनोकामना पूर्ण होने पर पुनः संबंधित यजमान इस मंदिर आकर दर्शन-पूजन करातें हैं। उपरोक्त क्रम में यह उल्लेखनीय कि भगवान श्री मंगलनाथ जी के मंदिर पर आने वाले श्रद्धालओं को मंदिर के सभी कर्मचारियों के सहयोग से दर्शनार्थियों को व्यवस्थित एवं सुगमता के साथ ही साथ प्रति दिन गर्भग्रह के सामने से दर्शन करवाए गए। इसके साथ ही दर्शनार्थियों की भीड़ अत्यधिक होती थी, तब सम्मानीय पुजारीगणों एवंं कर्मचारियों के सराहनीय सहयोग से गर्भग्रह के दोनों से लाईन चलवाकर कतारबद्ध तरीके से शीघ्र एवं सुगमतापूर्वक दर्शन करवाए गए।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल