Madhya Pradesh

ग्वालियरः किसी भी विभाग की ग्रेड ए से नीचे न हो अन्यथा जिला स्तरीय अधिकारी होंगे जवाबदेह

अंतरविभागीय समन्वय बैठक

– अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर ने की सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा

ग्वालियर, 6 जनवरी (Udaipur Kiran) । सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में किसी भी विभाग की ग्रेड ए से नीचे न हो, अन्यथा संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी जवाबदेह होंगे। जिला स्तरीय अधिकारी विशेष अभियान चलाकर 100 दिन से ऊपर की शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण कराएँ। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शिकायत एल-1 स्तर से बगैर अटेण्ड किए हुए आगे न बढ़े। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा के दौरान दिए।

बैठक में कलेक्टर ने सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों को लापरवाहीपूर्वक इधर-उधर भेजने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताई। इस प्रवृत्ति की वजह से जन्म व मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए जरूरी आज्ञा पत्र जारी होने में हो रही देरी सामने आने पर उन्होंने संबंधित तहसीलदार व नायब तहसीलदार एवं नगर निगम के एल-1 अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही शिकायतों के निराकरण के प्रति उदासीनता के लिए डाइट के प्राचार्य को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिये कहा।

मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में आए आवेदनों का त्वरित निराकरण हो

कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान को सभी विभाग गंभीरता से लें। साथ ही अभियान के तहत लगाए जा रहे शिविरों में आए आवेदनों का समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर त्परता से निराकरण करें। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में इस अभियान के तहत 441 शिविर लगाए जाने हैं, इनमें से 291 शिविर लगाए जा चुके हैं। इन शिविरों में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र हितग्राहियों को योजनाओं से जोड़ने के लिये कुल 42 हजार 803 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 34 हजार 702 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।

जनसुविधा को ध्यान में रखकर प्रशासनिक इकाईयों में परिवर्तन के प्रस्ताव बनाएं

कलेक्टर ने बैठक में जानकारी दी कि राज्य शासन द्वारा आम जनता की सुविधा व प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रशासनिक इकाइयों में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा इसके लिये “मध्य प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग” गठित किया है। जिसके तहत संभाग, जिला, तहसील, विकासखंड एवं ग्राम पंचायत स्तर की प्रशासनिक इकाईयों में परिवर्तन किया जाना है। सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर गाँवों को अन्य विकासखंड में शामिल करने के लिये प्रस्ताव तैयार करें। प्रस्ताव तैयार करने से पहले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, आम जनता, अभिभाषक, स्वयंसेवी व सामाजिक कार्यकर्ता इत्यादि की राय भी अवश्य ली जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई गाँव या ग्राम पंचायत परिवर्तन चाहती है तो इसका प्रस्ताव ग्राम सभा व ग्राम पंचायतों की बैठक में पारित कराया जाए। साथ ही लोगों को यह भी बताएँ कि यह कोई राजनैतिक परिसीमन नहीं है। यह प्रक्रिया प्रशासनिक इकाईयों के युक्तियुक्तकरण के लिये है।

राशन प्राप्त कर रहे परिवारों की पात्रता की होगी जाँच

उचित मूल्य की दुकानों से पात्र परिवारों को राशन मिले, इस उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा वर्तमान में उचित मूल्य की दुकानों से जुड़े परिवारों की पात्रता की जाँच कराई जायेगी। अंतरविभागीय समन्वय बैठक में बताया गया कि खासतौर पर ऐसे परिवारों की जाँच की जायेगी, जिस परिवार के सभी सदस्य 18 वर्ष से कम आयु अथवा परिवार के सभी सदस्य 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं। इसके अलावा एकल सदस्यीय, दो सदस्यीय, 7 से 10 सदस्यीय एवं 10 से अधिक सदस्य वाले परिवारों की पात्रता की जाँच की जायेगी।

तीन माह में हुए आदेशों पर राजस्व अधिकारी करें अमल, अन्यथा होगी कार्रवाई

कलेक्टर ने एडीएम व एसडीएम सहित सभी राजस्व अधिकारियों से कहा कि राजस्व न्यायालय से जो भी आदेश पारित हों, उनमें अमल भी कराएँ। उन्होंने कहा कि पिछले तीन माह में हुए आदेशों पर अगले 15 दिन के भीतर अमल कराएं। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि यदि निरीक्षण में आदेश के पीछे अमल की कॉपी नहीं मिली तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top