Madhya Pradesh

ग्वालियरः केन्द्रीय जेल की प्रस्तावित पुनर्घनत्वीकरण योजना का कलेक्टर ने देखा प्रजेंटेशन

ग्वालियरः केन्द्रीय जेल की प्रस्तावित पुनर्घनत्वीकरण योजना का कलेक्टर ने देखा प्रजेंटेशन

– शासन के प्रावधानों के अनुसार प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश

ग्वालियर, 6 जनवरी (Udaipur Kiran) । ग्वालियर की केन्द्रीय जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड (मध्यप्रदेश आवास एवं अधोसंरचना विकास बोर्ड) द्वारा केन्द्रीय जेल को साडा क्षेत्र में स्थानांतरित करने एवं केन्द्रीय जेल के वर्तमान स्थल के पुनर्घनत्वीकरण (रीडेंसी फिकेशन) के लिए परियोजना का प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को हाउसिंग बोर्ड द्वारा तैयार केन्द्रीय जेल ग्वालियर के पुनर्घनत्वीकरण प्रस्ताव का प्रजेंटेशन देखा। साथ ही इसमें आवश्यक सुधार करने के निर्देश हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को दिए।

कलेक्ट्रेट के सभागार में सोमवार को हुई बैठक में कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन के प्रावधानों के तहत पुनर्घनत्वीकरण परियोजना के प्रस्ताव तैयार करें। प्रस्ताव में केन्द्रीय जेल के हितों का ध्यान रखा जाए। साथ ही साडा क्षेत्र में केन्द्रीय जेल के निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल के बारे में पहले ही भलीभाँति जाँच-पड़ताल कर यह सुनिश्चित कर लें कि इस स्थल पर किसी विभाग की आपत्ति तो नहीं है। बैठक में अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार व कुमार सत्यम, संयुक्त कलेक्टर संजीव जैन, एसडीएम अतुल सिंह व कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड नीरू राजपूत तथा साडा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

कार्यपालन यंत्री नीरू राजपूत ने बैठक में जानकारी दी कि पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत साडा क्षेत्र में पाँच हजार कैदियों की क्षमता वाले केन्द्रीय जेल भवन का निर्माण प्रस्तावित किया गया है, जिसमें कैदियों के लिये 7 प्रकार की औद्योगिक गतिविधियों के ट्रेनिंग सेंटर, 500 सीटर ऑडिटोरियम व 300 लोगों की क्षमता वाला कॉन्फ्रेंस हॉल, 100 बैडेड अस्पताल भवन, चिकित्सा उपकरण, 500 आर्म्स क्षमता का स्टोर रूम, दो गोदाम, दो प्ले ग्राउण्ड, एक परेड ग्राउण्ड, अधिकारियों के लिए दो डी टाइप, चार ई टाइप व 6 एफ टाइप, 21 जी टाइप, 257 एच टाइप व 11 आई टाइप क्वाटर्स प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा प्रवेश द्वार, अधीक्षक कार्यालय, लैंड स्केपिंग, बाउण्ड्री वॉल, पुरुष व महिला गार्ड रूम तथा सोलर पैनल व आकस्मिक जनरेटर का प्रावधान किया गया है।

ज्ञात हो कि ग्वालियर की केन्द्रीय जेल के वर्तमान भवन का निर्माण लगभग 145 वर्ष पहले सन् 1879 में हुआ था। जिसकी क्षमता ढाई हजार कैदियों की है। साडा क्षेत्र में नई केन्द्रीय जेल का निर्माण लगभग 20 हैक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान केन्द्रीय जेल परिसर में आवासीय व व्यवसायिक निर्माण प्रस्तावित किए गए हैं।

(Udaipur Kiran) तोमर

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