-उषा मंगेशकर, अनुराधा पौडवाल, शोभना, मालिनी अवस्थी, कुमार विश्वास कार्यक्रम में देंगे प्रस्तुति
अयोध्या, 05 जनवरी (Udaipur Kiran) । श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में प्रभु श्रीराम लला के तीन दिवसीय वार्षिक ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ समाराेह में ‘श्रीराम राग सेवा’ के तहत विविध प्रकार के भव्य और दिव्य कार्यक्रम हाेंगे। इसमें देश के नामचीन कलाकार भजन, गायन, कथा और रामलीला के साथ नृत्य की प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही मंत्राें का जप और हवन-पूजन भी हाेगा। यह कार्यक्रम 11 से 13 जनवरी तक चलेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने रविवार को आयोजन स्थल अंगद टीला पर प्रभु श्रीराम के 11 जनवरी से शुरू हाे रहे तीन दिवसीय ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के बावत पत्रकार वार्ता में विस्तार से जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि यही वह स्थान है जहां के कार्यक्रमों में कोई भी पहुंच सकता है। उन्हाेंने बताया कि इस आयाेजन में उषा मंगेशकर, कुमार विश्वास, मालिनी अवस्थी, अनुराधा पौडवाल कथक नृत्यांगना शोभना नारायण आदि श्रीराम लला को रिझाने के लिए अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कथा व्यास रमेश भाई ओझा भी होंगे। जबकि पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगे।
तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री राय ने बताया कि तीन दिन तक चलने वाले कार्यक्रम ‘श्रीराम राग सेवा’ के समन्वयक अयोध्या के ही प्रख्यात कलाविद् यतीन्द्र मिश्र हैं। उन्हें संगीत नाटक अकादमी दिल्ली से सहयाेग है। उन्हाेंने बताया कि ‘श्रीराम राग सेवा’ का कार्यक्रम गर्भगृह के निकट मंडप में होगा। भारतीय उपासना पद्धति में नवधा भक्ति परम्परा में नृत्य संगीत, वादन द्वारा ‘श्रीराम राग सेवा’ अर्पित की जाती है। इसी क्रम में पहले दिन 11 जनवरी को उषा मंगेशकर और मयूरेश पई भजन से राग सेवा का शुभारंभ करेंगे। इसके उपरांत साहित्य नाहर सितार और संतोष नाहर वायलिन की जुगलबंदी के साथ अपना भक्ति कार्यक्रम देंगे। पहले दिन की ‘श्रीराम राग सेवा’ का समापन डॉ. आनन्दा शंकर जयंत की ओर से भरत नाट्यम नृत्य पर भावयामि रघुरामम्’ के साथ होगा।
दूसरे दिन 12 जनवरी काे प्रसिद्ध लोक गायिका शैलेश श्रीवास्तव के बधावा और सोहर से शुरुआत होगी। इसके बाद प्रख्यात शास्त्रीय गायिका सुश्री कलापिनी कोमलकी निर्गुण गायन और भजन से राग सेवा करेंगी। दूसरे दिन समापन विश्वविख्यात बांसुरी वादक राकेश चौरसिया के वादन से होगा। अंतिम दिन 13 जनवरी को शुभारंभ आरती अंकलिकर के शास्त्रीय गायन से होगा। इसके बाद प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोभना नारायण की प्रस्तुति है। समापन दक्षिण के स्वनाम धन्य गायक कृष्ण मोहन और राम मोहन ‘त्रिचूर ब्रदर्स’ के कर्नाटक पद्धति के शास्त्रीय गायन व राम भजन से होगा।
अंगद टीला पर पहले दिन अपराह्न दो से साढ़े तीन बजे तक जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी वासुदेवाचार्य की रामकथा होगी। इसके बाद पांच बजे तक मुख्यमंत्री रहेंगे। साढ़े पांच से साढ़े आठ बजे तक रामलीला का मंचन व स्वाति मिश्रा का गायन। 12 जनवरी को अपराह्न दो से साढ़े तीन बजे तक जगद्गुरु की रामकथा। साढ़े तीन से रमेश भाई ओझा का प्रवचन सत्र, साढ़े पांच बजे से सांस्कृतिक संध्या में अनुराधा पौडवाल और कविता पौडवाल का गायन। अंतिम दिन दो से साढ़े तीन बजे तक कथा। फिर जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी ज्ञानानन्द तीर्थ महाराज की उपस्थिति में प्रवचन सत्र। साढ़े पांच बजे से सांस्कृतिक संध्या में मालिनी अवस्थी और कुमार विश्वास होंगे
महामंत्री के अनुसार उक्त सभी भक्तिभाव से कार्यक्रम में आ रहे हैं और पारिश्रमिक लेने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने यह भी बताया कि जगद्गुरु माधवाचार्य, पेजावर पीठाधीश्वर प्रसन्न तीर्थ तीनों दिन कार्यक्रम में रहेंगे। उन्हाेंने यह भी बताया कि इस लखनऊ की सपना गोयल की ढाई सौ महिलाओं की टोली ग्यारह से दो बजे तक सुन्दरकाण्ड का पाठ करेगी। इसके अलावा नवयुवकों की एक टोली धाम के सभी प्रमुख स्थानों पर बड़े वाद्य यंत्रों के साथ कीर्तन करेगी। मंत्रों का जप और हवन तीनों दिन होंगे। इस धाम में अनेक जातियों, उपजातियों के मन्दिर हैं। सभी को आमंत्रण भेजा गया है।
पत्रकार वार्ता में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, गोपाल जी, यतीन्द्र मिश्र भी मौजूद थे। आयोजकों ने दर्शन को आए लोगों और जो भी सम्मिलित हो सकें सभी को अंगद टीले पर होने वाले कार्यक्रमों में आमंत्रित किया है।
(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय