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सफदरजंग अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए लगाया गया टीकाकरण शिविर

सफदरजंग अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के  लिए निशुल्क टीकाकरण  शिविर में भाग लेते युवतियां

नई दिल्ली, 4 जनवरी (Udaipur Kiran) । सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर सफदरजंग अस्पताल के बाल चिकित्सा ओपीडी में एचपीवी वैक्सीनेशन कैंप आयोजित किया गया। शनिवार को आयोजित इस कैंप में 9-20 वर्ष की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन दी गई। इस पहल को आरसीओजी नॉर्थ ज़ोन इंडिया ने सहयोग प्रदान किया।28 बच्चों ने कैंप में पंजीकरण कराया, जिनमें से 25 को वैक्सीन दी गई।

कैंप का उद्घाटन मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. कपिल सूरी और वीएमएमसी व एसजेएच की प्रिंसिपल डॉ. गीता खन्ना ने किया।

इस मौके पर एडिशनल एमएस डॉ. आरपी अरोड़ा, बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. कृष्ण कुमार और गायनी विभाग के एचओडी डॉ. रत्तन गुप्ता भी मौजूद रहे।

डॉ. सरिता शमसुंदर (हेड, गाइन ऑन्कोलॉजी यूनिट), डॉ. अनीता कुमार, डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. शीबा मारवाह और डॉ. सुमित मेंदीरत्ता इस आयोजन के प्रमुख आयोजक रहे।

कैंप में बच्चों और अभिभावकों को एचपीवी वैक्सीन के महत्व और सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई। एचपीवी वैक्सीन का उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर और अन्य संबंधित बीमारियों से बचाव करना है। विशेषज्ञों ने बताया कि समय पर वैक्सीनेशन से इस घातक बीमारी को रोका जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल कैंसर के मामले दिनों दिन तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ये कैंसर सर्विक्स के इनर टिश्यू यानि गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में पनपता है। ह्यूमन पेपिलोमावायरस या एचपीवी वायरस, जो एक यौन संचारित संक्रमण है, रिप्रोडक्टिव सिस्टम को प्रभावित करने लगता है। इस संक्रमण के चलते शरीर में सर्वाइकल कैंसर की समस्या विकसित होने लगती है। यौन संपर्क के माध्यम से फैलने वाला यह रोग दुनियाभर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रहा है।

वहीं, भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। हांलाकि पैप स्मीयर परीक्षण या एचपीवी जांच से कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) भारत में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। देश में हर दिन इसकी वजह से करीब 200 महिलाओं की मृत्यु होती है। इस रोग से निपटने के लिए वर्ल्ड हैल्थ असेंबली द्वारा 2020 में एक ग्लोबल रणनीति तैयार की गई थी, जिसके अंतर्गत आरंभिक लक्ष्यों को 2030 तक हासिल किया जाना निर्धारित किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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