ग्वालियर, 4 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय संस्कृति में मेले गहरे तक रचे-बसे हैं। मेले केवल आमोद-प्रमोद के ही नहीं, मेल-जोल के सशक्त माध्यम बनते हैं। मेले की स्मृतियों को सजोने में भी भारतीय जनमानस की गहरी रुचि रहती आई है। मेले में लगने वाले फोटो स्टूडियो इन स्मृतियों को संजोने में महती भूमिका निभाते थे। हालांकि, आधुनिक डिजिटल युग में मोबाइल फोन की क्रांति के मेले के फोटो स्टूडियो अब इतने प्रासंगिक नहीं रहे हैं। फिर भी कुछ लोग मेले में फोटो स्टूडियो की परंपरा को आज भी निभाए जा रहे हैं। इस साल के ग्वालियर व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश के मेनपुरी शहर के निवासी अवधेश सिंह भदौरिया ने फोटो स्टूडियो लगाया है।
मेले की छत्री नं.-20 में अवधेश सिंह ने आकर्षक ढंग से भदावर कलर स्टूडियो सजाया है। इस स्टूडियो में फोटो खिंचवाने के लिए फूलों का झूला, सिंघासन, सीढ़ियाँ, कार, टैडी वियर इत्यादि सहित अन्य प्रकार के ऐसे मंच बने हैं जहाँ सैलानी फोटो खिंचवाकर मेले की यादों को चिरस्थायी बना सकें। अवधेश सिंह बताते हैं कि पिछले लगभग 40 साल से हम ग्वालियर व्यापार मेले में अपना स्टूडियो लगाते आए हैं। कोरोनाकाल को छोड़कर हर साल हमने अपना स्टूडियो यहां पर लगाया है। पहले हम पूजा स्टूडियो के नाम से स्टूडियो लगाते थे। अब उसका नाम बदलकर भदावर स्टूडियो कर लिया है।
मेले की स्टूडियो परंपरा के प्रति अपना लगाव व आत्मीयता जाहिर करते हुए अवधेश सिंह ने बताया कि हालांकि अब इससे बहुत ज्यादा आमदनी नहीं होती, पर इस व्यवसाय को चाहकर भी नहीं छोड़ पा रहा हूँ। भीतर मन में इस काम से जुड़ाव हो गया है। वे कहते हैं कि पहले हमारे स्टूडियो में फोटो खिंचवाने के लिये सैलानियों की लाइन लगा करती थी। यहाँ तक टोकन बांटने पड़ते थे। पर अब ऐसी स्थिति नहीं रही है। फिर भी शहरी विशिष्ट व्यक्ति व ग्रामीणजन अभी भी फोटो खिंचवाने आते हैं। सैलानी हमें बताते हैं कि मेले के स्टूडियो में फोटो खिंचवाने और उन्हें संजोकर रखने का मजा ही कुछ और है। अवधेश कहते हैं कि वे ग्वालियर मेला ही नहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं अन्य राज्यों के शहरों में लगने वाले मेलों में भी अपना स्टूडियो लगाते हैं।
आमदनी के बारे में पूछे जाने पर अवधेश भावुक हो गए और बोले कि स्टूडियो की यह परंपरा हम लाभ के लिये नहीं यहां होने वाले मेलजोल की वजह से आगे बढ़ाए जा रहे हैं। उनका कहना था कि यहां कुछ लोग ऐसे हैं जो मुझे वर्षों से मेले में आकर ही मिलते हैं और अगले मेले का इंतजार करने लग जाते हैं।
मेले में कानून व्यवस्था बनाए रखने हर दिन के लिए अलग-अलग दल गठित
श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला में विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान द्वारा हफ्ते के प्रत्येक दिन के लिये जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में दल तैनात किए हैं। इन दलों में तहसीलदार, सहायक आपूर्ति अधिकारी व श्रम निरीक्षक सहित अन्य संबंधित कर्मचारी शामिल किए गए हैं।
अपर जिला दण्डाधिकारी टीएन सिंह ने शनिवार को बताया कि सोमवार के दिन संयुक्त कलेक्टर संजीव जैन के नेतृत्व में गठित किए गए दल की ड्यूटी लगाई गई है। इसी तरह मंगलवार को डिप्टी कलेक्टर नरेशचंद गुप्ता, बुधवार को एसडीएम लश्कर नरेन्द्र बाबू यादव, गुरुवार को एसडीएम मुरार अशोक चौहान, शुक्रवार को एसडीएम झांसी रोड़ विनोद सिंह, शनिवार को एसडीएम घाटीगांव राजीव समाधिया एवं रविवार के लिए संयुक्त कलेक्टर सुरेश कुमार बरहादिया के नेतृत्व में अधिकारियों के दल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये मेले में तैनात रहेंगे। जिन अधिकारियों के नेतृत्व में दल गठित किए गए हैं, उनके लिंक अधिकारी भी बनाए गए हैं।
अधिकारियों के दल प्रत्येक दिन मेले की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित बनायेंगे। साथ ही खासतौर पर शिल्प बाजार, ऑटो मोबाइल, झूला व इलेक्ट्रोनिक सेक्टर, जल पान केन्द्र, राज्य स्तरीय दंगल, प्रदर्शनी, कवि सम्मेलन, मुशायरा, कब्बाली, लोक गीत एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये पुख्ता इंतजाम करायेंगे।
(Udaipur Kiran) तोमर