Uttar Pradesh

गरौठा विधायक की शिकायत पर जिपं अपर मुख्य अधिकारी आशुतोष कुमार निलंबित

विधायक गरौठा जवाहरलाल राजपूत का फाइल फोटो

-खनिज परिवहन शुल्क वसूली का ठेका अवैध तरीके से निरस्त करने पर शासन ने की कार्रवाई

झांसी, 4 जनवरी (Udaipur Kiran) । खनिज परिवहन शुल्क वसूली के ठेके को अवैध तरीके से निरस्त करने के मामले में जिला पंचायत झांसी के अपर मुख्य अधिकारी आशुतोप कुमार को जांच में दोषी पाया गया। जांच में अनियमितताएं सामने आने पर उन्हें शासन ने निलंबित कर दिया है। एएमओ जिला पंचायत द्वारा तहबाजारी ठेके में अनियमितताओं की शिकायत शर्मा एसोसिएट की ओर से की गई थी। इसके बाद गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने यह मामला शासन स्तर पर उठाया था। इसके बाद हुई जांच में राज्यपाल की संस्तुति पर अपर मुख्य अधिकारी को निलंबित कर मुख्यालय अटैच कर दिया गया है।

जिला पंचायत झांसी में वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनिज परिवहन शुल्क की वसूली के ठेके में अनियमितताओं की शिकायत मार्च 2024 में 1 वर्ष के लिए ठेका पाने वाली संस्था शर्मा एसोसिएट की ओर से की गई थी। इसके साथ ही गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने भी एएमओ जिला पंचायत झांसी द्वारा नियम विरुद्ध ठेका निरस्त कर वित्तीय अनियमितता किए जाने की शिकायत शासन से की थी। शिकायत के बाद प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त झांसी को इसकी जांच कर कार्रवाई के लिए कहा था। मंडलायुक्त द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय समिति की जांच में आशुतोष कुमार, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, झांसी द्वारा ई-निविदादाता ठेकेदार मै. शर्मा एसोसिएट को बिना सुनवाई का अवसर प्रदान किये उनके पक्ष में जारी किए गए खनिज परिवहन शुल्क वसूली के ठेके को नियम विरुद्ध ढंग से निरस्त किए जाने के आरोप को सही पाया गया। ठेका निरस्त किए जाने के दिन 21 अक्टूबर 2024 को ही फर्म तेजस्वी इण्टरप्राइजेज के पक्ष में ठेका स्वीकृत करते हुए अनुबंध पत्र जारी किये जाने को प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता मानते हुए एएमओ आशुतोष कुमार को दोषी पाया गया। उन्हें उ०प्र० जिला पंचायत सेवा नियमावली, 1970 के नियम-33 के तहत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किए जाने की स्वीकृति राज्यापाल की ओर से की गई है। निलम्बन अवधि में आशुतोष कुमार, कार्यालय निदेशक, पंचायती राज लखनऊ अटैच रहेंगे।

झांसी कमिश्नर द्वारा गठित टीम की जांच में यह स्पष्ट रूप से पाया गया कि खनिज परिवहन तहबाजारी ठेका दिए जारी किए जाने के बाद उसे नियमों की अनदेखी कर निरस्त किया गया और अन्य फर्म को आनन फानन में ठेका दिए जाने और वसूली आदेश जारी कर अनियमिमतताएं बरती गईं। जांच में यह भी पाया गया कि इसके पहले कभी भी इस तरह बिना ठेकेदार फर्म को मौका दिए अनुबंध निरस्त नहीं किया गया। पूर्व में जारी किए गए ठेकों में कई किश्तों के माध्यम से वसूली धनराशि को जमा किया पाया गया है। जबकि शर्मा एसोसिएट को दिए गए ठेके के बाद बिना सुनवाई का मौका दिए तेजस्वी इंटरप्राइजेज को खनन परिवहन तहबाजारी का ठेका जारी कर गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरती गईं। शासन ने इसे गंभीरता से लिया और एएमओ को निलंबित कर कार्रवाई करते हुए अन्य लापरवाह अधिकारियों को भी इससे सीख लेने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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