West Bengal

अपडेट : देउचा-पचामी परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए मुख्य सचिव ने की बैठक

कोलकाता, 03 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित देउचा-पचामी कोयला खदान में खनन कार्य जल्द शुरू करने के लिए अधिकारियों को तीन महीने के भीतर सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत, पुलिस महानिदेशक राजीव मिश्रा और पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पी. बी. सलीम सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने मोहम्मद बाजार का दौरा कर इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।

परियोजना का कार्यान्वयन कर रही पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम ने खदान क्षेत्र में 12 एकड़ भूमि पर कोयला परत के ऊपर की मिट्टी और चट्टानों को हटाने का कार्य शुरू करने की योजना बनाई है। यह पहला चरण होगा, जिसके बाद 326 एकड़ बाधारहित भूमि पर कार्य का विस्तार किया जाएगा।

मुख्य सचिव पंत ने कहा कि इस कार्य के लिए एक एजेंसी नियुक्त कर दी गई है और अगले 15 से 20 दिनों में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चूंकि कोयला परत मोटी बेसाल्ट चट्टानों के नीचे स्थित है, इसलिए भूमिगत खनन तकनीक के लिए इच्छुक कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिनकी अंतिम तिथि तीन फरवरी निर्धारित की गई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परियोजना की धीमी प्रगति को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान बीरभूम के जिलाधिकारी बिधान रॉय को भूमि अधिग्रहण में देरी के लिए फटकार लगाई थी, जिससे परियोजना पर असर पड़ रहा था।

इस कोयला खदान में अनुमानित एक हजार 198 लाख टन कोयला और एक हजार 400 लाख टन बेसाल्ट का भंडार है, जो इसे देश की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक है। हालांकि, मोटी बेसाल्ट परतों की उपस्थिति के कारण कोयला निकालना चुनौतीपूर्ण है, जिसके लिए उन्नत तकनीक और बड़े निवेश की आवश्यकता होगी।

पहले यह कोयला खदान कर्नाटक, बिहार, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और सतलुज जल विद्युत निगम को आवंटित की गई थी, लेकिन अधिक लागत के कारण सभी हितधारकों के पीछे हटने के बाद अब यह पूरी तरह से पश्चिम बंगाल के नियंत्रण में है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Most Popular

To Top