नई दिल्ली, 3 जनवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। शिवराज ने कहा कि वर्ष 2025 को हमें गरीबी मुक्त गांव बनाने का संकल्प लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा है कि हर गांव गरीबी मुक्त हो और गरीबी मुक्त गांव का मतलब है गांव का हर भाई-बहन किसी ना किसी आजीविका मूलक काम से जुड़ा हो।
कोई बेरोजगार ना हो। उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं को ठीक ढंग से पूरी कर पाएं। यह लक्ष्य सभी राज्य एक साथ मिलकर पूरा कर सकते हैं। यह असंभव नहीं है, कठिन जरूर है, लेकिन हम साथ मिलकर काम करेंगे।
शिवराज ने कहा कि हम कुछ गांव से शुरुआत कर सकते हैं, सारे गांव एक साथ नहीं तो कुछ गांव कि हर ब्लॉक में चिह्नत किए जा सकते हैं और वहां सभी योजनाओं के आदर्श क्रियान्वयन से हम उस गांव को गरीब मुक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में असमानता होती है, एक प्रदेश में क्षेत्रीय असमानता होती है जिले में, ब्लॉक में असमानता होती है और असमानताओं को चिह्नित करके जहां ज्यादा गरीबी है, वहां ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। हम टेक्नोलोजी का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। आईटी सोल्यूशन का विकास और भरपूर प्रयोग क्या प्रक्रियाओं का और सरलीकरण किया जा सकता है।
उन्होंने राज्यों को सुझाव दिया कि कई बार प्रक्रियाओं के पालन में समय लगता है, उनको हम समयबद्ध बना सकते हैं। हितधारकों जागरूक करना बहुत आवश्यक है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फिर से सर्वे होना है। सर्वे के निर्देश यहां से चले गये हैं। इसके लिए जागरुकता बेहद जरूरी है। कोई पात्र गरीब वंचित न रहे। संसाधनों का हम अधिक से अधिक कैसे उपयोग करें, संसाधन है लेकिन संसाधनों की सीमा भी है। अलग-अलग मंत्रालयों की जैसे कृषि और ग्रामीण विकास दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी