– मंत्री कुशवाह की मौजूदगी में हुआ जिला स्तरीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन
ग्वालियर, 3 जनवरी (Udaipur Kiran) । सर्वांगीर्ण और समावेशी विकास को मूल में रखकर सन् 2047 तक विकसित भारत के साथ-साथ विकसित ग्वालियर व विकसित मध्यप्रदेश बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा “विकसित मध्यप्रदेश@2047” विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया जा रहा है। साथ ही जिला स्तरीय विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार होगा। राज्य शासन ने नागरिकों की आकांक्षाओं, विचारों और प्राथमिकताओं को विजन डॉक्यूमेंट में सम्मिलित करने के निर्देश दिए हैं। इस सिलसिले में जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को बाल भवन के सभागार में जिला स्तरीय जन संवाद कार्यक्रम आयोजित कर सुझाव लिए गए।
जिला स्तरीय जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण, सामाजिक न्याय व दिव्यांगजन कल्याण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह की मौजूदगी में आयोजित हुआ। इस आयोजन में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सांसद भारत सिंह कुशवाह भी वर्चुअल शामिल हुए। साथ ही नगर निगम सभापति मनोज तोमर व भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर रुचिका चौहान, जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार व नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु स्मिता सहस्त्रबुद्धे, आईआईटीटीएम के निदेशक आलोक शर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत वरिष्ठ अधिकारीगण प्रशांत मेहता, बीएम शर्मा, विनोद शर्मा व आरके जैन तथा विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ, युवा, प्रगतिशील किसान, औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधिगण व वंचित समुदायों से जुड़े नागरिक शामिल हुए।
मंत्री कुशवाह ने जिला स्तरीय संवाद में कहा कि समृद्ध भारत का निर्माण तभी होगा जब हमारा शहर, जिला व प्रदेश समृद्ध होगा। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सभी के सुझावों के आधार पर प्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया जा रहा है। उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट के लिये अधिक से अधिक सुझाव प्राप्त करने के लिये तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने और मोहल्ले स्तर पर समितियों के माध्यम से सुझाव लेने के लिये कहा। कुशवाह ने कहा कि सुनियोजित विकास के लिये नागरिकों को भी सकारात्मक सहयोग देना होगा। उन्होंने कहा कि मन में ऐसे भाव रखें कि अपने मकान की रैम्प सड़क पर न बनाकर अपने प्लॉट के भीतर ही बनायेंगे।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने वर्चुअल उदबोधन के माध्यम से शहर की स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि साफ-सफाई के लिए ग्वालियर शहर को क्षेत्रफल के आधार पर धनराशि व मानव संसाधन मिले, यह बात विजन डॉक्यूमेंट में अवश्य शामिल की जाए। इसी तरह भोपाल व इंदौर की तरह ग्वालियर को कानून व्यवस्था के लिये पुलिस बल उपलब्ध कराने का सुझाव दिया। साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये लेफ्ट टर्न फ्री करने की कार्ययोजना को विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने के लिये कहा।
सांसद भारत सिंह कुशवाह ने भी वर्चुअल सुझाव रखे। उन्होंने कहा कि शहर के गारमेंट व स्टोन पार्कों के उद्देश्य पूरे हों, इसकी कार्ययोजना बनाई जाए। शहर के आसपास अवैध कॉलोनियों की बजाय फॉर्म-4 कॉलोनियां विकसित करने, नई सड़कों के प्रस्ताव, साडा का विकास, साडा में एम्स के लिये जगह निर्धारित करने, 13वी बटालियन की साडा में शिफ्टिंग एवं डबरा की यातायात व्यवस्था की कार्ययोजना विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने के लिये भी उन्होंने उपयोगी सुझाव दिए। नगर निगम सभापति मनोज तोमर ने शहर में धूल मुक्त सड़कें, अच्छे डिवाइडर व शहर की पहाड़ियों को हरा-भरा करने का सुझाव दिया।
भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी ने वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्यत: अपनाने के लिये सख्त नियम बनाने एवं पारस्थितिकीय संतुलन के लिये नदियों से रेत निकालने की बजाय पत्थरों से रेत तैयार करने का सुझाव रखा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी प्रशांत मेहता ने शहर में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में ठोस कदम उठाने का सुझाव रखा। साथ ही शहर की खूबसूरती के लिये प्लान तैयार करने और इस विषय पर वार्ड स्तर तक प्रतियोगिता करने का सुझाव दिया।
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी बीएम शर्मा ने स्वच्छ, समृद्ध एवं शांत शहर बनाने में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का सुझाव रखा। साथ ही कहा कि एक्सपर्ट एजेंसी से शहर के सुनियोजित विकास का प्लान तैयार कराया जाए। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विनोद शर्मा ने शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए हरसी से रमौआ को भरने, अपर ककैटो – ककैटो – पहसारी से बंद पाइप लाइन के जरिए तिघरा को भरने का सुझाव दिया। साथ ही सीवरेज प्रबंधन के लिये विधानसभा क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाने, शहर को कोचिंग हब बनाने और एम्स की स्थापना के प्रयास करने के सुझाव भी दिए।
सेवानिवृत्त आईएएस आरके जैन ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के संबंध में प्रचलित गलत धाराणाओं को दूर करने के लिये विशेष प्रयास करने का सुझाव दिया। साथ ही अधोसंरचना में गुणवत्ता बनाए रखने पर बल दिया। संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु स्मिता सहस्त्रबुद्धे ने क्षेत्रीय लोक नृत्य, संगीत एवं ललित कलाओं को देश के दूसरे शहरों में प्रमोट करने को कहा, जिससे शहर में सांस्कृतिक एवं कलाओं पर केन्द्रित पर्यटन बढ़े।
आईआईटीटीएम के निदेशक आलोक शर्मा ने सिटी ऑफ म्यूजिक होने के नाते ग्वालियर में संगीत एवं नाटक अकादमी का प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही। जनपद पंचायत मुरार के अध्यक्ष दिलराज किरार ने भदावना, सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट एवं नीम पर्वत को टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। जिला स्तरीय जन संवाद कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह ने वृहद वृक्षारोपण एवं योग व ध्यान केन्द्र स्थापित करने की बात कही। जया मुखर्जी ने सेवानिवृत लोगों का विकास में सहयोग लेने और यौन उत्पीड़न से संबंधित जागरूकता कैम्पेन चलाने का सुझाव दिया। लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सोबरन सिंह तोमर ने केवल शहर ही नहीं ग्राम स्तर तक औद्योगिक विकास के लिए काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन तहसील व विकासखंड स्तर पर भी जाना चाहिए। जैविक खेती के लिये विख्यात प्रगतिशील कृषक बिलौआ के प्राण सिंह ने शहर में भी नंदन फलोद्यान विकसित करने और जैविक खेती के संबंध में उपयोगी सुझाव दिए।
राष्ट्रीय बालश्री सम्मान प्राप्त आद्या दीक्षित ने शहर के प्रवेश स्थलों को आकर्षक बनाने, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिये अलग-अलग प्लान तैयार करने और ग्वालियर शहर को एज्यूकेशन हब बनाकर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिये विशेष प्रयास करने के लिये कहा, जिससे यहां की प्रतिभा का पलायन न हो। रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव नवल किशोर शर्मा ने आर्थिक विषमता को दूर करने और युवाओं के स्किल डवलपमेंट के लिये विशेष प्लान तैयार करने को कहा।
प्रभारी मंत्री सिलावट ने भी दिए उपयोगी सुझाव
जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भी ग्वालियर के विजन डॉक्यूमेंट के लिये वर्चुअल सुझाव भेजे हैं। उन्होंने एक जिला-एक उत्पाद के माध्यम से रोजगार के अवसरों का सृजन, गौवंश संरक्षण, पर्यटन गतिविधियों का सुनियोजित विकास, सामुदायिक भवनों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराना, ऐसा सिस्टम बनाने जिससे केन्द्र व राज्य सरकार की योजना से कोई भी पात्र हितग्राही वंचित न रहे, इत्यादि सुझाव दिए। साथ ही कहा कि नागरिकों के प्रत्यक्ष लाभ को ध्यान में रखकर भी शहर विकास की योजनायें बनाई जाएं।
कलेक्टर ने बताई रूपरेखा और सुझाव भी नोट किए
कलेक्टर रुचिका चौहान ने आरंभ में जिला स्तरीय जन संवाद कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा युवा, गरीब, किसान एवं महिलाओं के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। विजन डॉक्यूमेंट में भी इनसे संबंधित सुझावों को प्रमुखता से शामिल किया जायेगा। इस भाव के साथ विजन डॉक्यूमेंट को अंतिम रूप दिया जायेगा, जिससे समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं का सम्मान हो। उन्होंने जिला स्तरीय संवाद में आए उपयोगी सुझाव स्वयं नोट किए। साथ ही कार्यक्रम के अंत में कहा कि इन सभी को एकीकृत कर विजन डॉक्यूमेंट के प्रस्ताव में शामिल किया जायेगा।
कलेक्टर ने आईआईटीएम के निदेशक आलोक शर्मा से विजय डॉक्यूमेंट के लिये विषयवार समाज के सभी घटकों व विषय विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त करने के लिये तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने के लिये कहा। उन्होंने कहा इस आयोजन में जिला प्रशासन का पूरा सहयोग मिलेगा। कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिले की वेबसाइट पर भी विजन डॉक्यूमेंट के संबंध में सुझाव अपलोड किए जा सकते हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर